महिला डॉक्टर से दुष्कर्म व हत्या की घटना के बाद राज्य सरकार की ओर से उठाये गये थे कई कदम, नहीं दिख रहा असर
संवाददाता, कोलकातापिछले साल आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 31 वर्षीय महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या की घटना ने पूरे बंगाल को हिला दिया था. घटना के बाद राज्यभर में विरोध प्रदर्शन हुए, लेकिन हालात में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिखा. सामाजिक कार्यकर्ता और शोधार्थी रिमझिम सिन्हा ने अगस्त 2024 में रिक्लेम द नाइट आंदोलन की शुरुआत की थी. उनका कहना है, “अब भी कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये हैं, जिससे महिलाएं रात में शहर के सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षित महसूस कर सकें.” इस आंदोलन के तहत हजारों लोग पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर उतरे थे. आंदोलन के तुरंत बाद सरकार ने रात में महिला स्वयंसेवक ‘रात्रिरर साथी’ की तैनाती, सीसीटीवी के साथ सुरक्षित क्षेत्र बनाने और अलार्म सिस्टम वाले मोबाइल ऐप शुरू करने का वादा किया था. सिन्हा के अनुसार, “पिछले एक साल में मुझे कभी भी रात में ‘रात्रि साथी’ नहीं दिखीं.” उन्होंने सरकार की उस सलाह की भी आलोचना की जिसमें कहा गया था कि कामकाजी महिलाओं को यथासंभव रात्रि ड्यूटी से मुक्त रखा जाए.सिन्हा ने बताया, “यह गलत धारणा है कि महिलाओं पर केवल अजनबी हमला करते हैं. आंकड़े बताते हैं कि ज्यादातर यौन अपराध परिचित लोगों द्वारा, और अक्सर घर के भीतर ही होते हैं-चाहे वह घरेलू हिंसा हो या वैवाहिक बलात्कार.”
हालांकि, वह मानती हैं कि आरजी कर कांड के बाद महिलाओं में अपनी आवाज बुलंद करने का साहस बढ़ा है और रिक्लेम द नाइट जैसे आंदोलनों ने इस बदलाव की राह बनायी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

