कोलकाता.
राज्य के सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में हुई नियुक्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किये गये तृणमूल कांग्रेस के विधायक जीवन कृष्ण साहा को फिलहाल अदालत से राहत नहीं मिली है. गुरुवार को विचार भवन स्थित ईडी की विशेष अदालत में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. जमानत याचिका का ईडी ने कड़ा विरोध किया, वहीं विधायक ने खुद को निर्दोष बताते हुए सभी आरोपों से इनकार किया. हालांकि, सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने फिलहाल उन्हें जमानत देने की अनुमति नहीं दी.मोबाइल फेंकने के आरोप से इनकार : अदालत में विधायक साहा ने कहा कि उनके खिलाफ लगाये गये सभी आरोप निराधार हैं. उन्होंने दावा किया : मैंने कभी मोबाइल फोन फेंका ही नहीं. मैंने मोबाइल ईडी के अधिकारियों को स्वयं सौंप दिया था. भागने का सवाल ही नहीं उठता. इधर, साहा ने अदालत परिसर में मीडिया से कहा : मेरे खिलाफ कोई भी आरोप साबित नहीं होगा. सब झूठ है. मैं निर्दोष हूं. उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने पिता के कारोबार से जुड़े हैं और किसी के नाम पर कोई अवैध संपत्ति खरीदी नहीं है. वहीं, ईडी का आरोप है कि बाजार से करोड़ों रुपये की वसूली हुई और उसका बड़ा हिस्सा विधायक के परिवार के बैंक खातों में पहुंचा.बचाव पक्ष की दलील, एक ही अपराध में दो गिरफ्तारी : साहा के वकील ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल को पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने गिरफ्तार किया था, जिसमें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. अब ईडी ने उसी मामले में दोबारा गिरफ्तार किया है. उन्होंने कहा कि साहा ने जांच में सहयोग किया है और सुप्रीम कोर्ट की किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया है, इसलिए उन्हें किसी भी शर्त पर जमानत दी जानी चाहिए.
सुपर ह्यूमन नहीं हैं ईडी अधिकारी :सुनवाई में ईडी की ओर से कहा गया कि जांच बेहद जटिल है और इसमें समय लगेगा. ई़डी अधिकारी सुपर ह्यूमन नहीं हैं कि तुरंत जांच पूरी कर लें. एजेंसी ने यह भी कहा कि परिवार के बयान दर्ज किये जा चुके हैं और बैंकिंग ट्रांजैक्शन की कड़ी जांच हो रही है. मामले से जुड़े हर पहलुओं की तफ्तीश हो रही है. ईडी ने सुनवाई के दौरान एक अन्य तृणमूल विधायक माणिक भट्टाचार्य का उदाहरण भी पेश किया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए बताया गया कि माणिक को सीबीआइ के मामले में राहत मिली थी, लेकिन ईडी ने वित्तीय भ्रष्टाचार में फिर भी गिरफ्तार किया.
संदिग्ध लेनदेन का खुलासा : ईडीईडी के वकील ने कहा कि सीबीआइ और ईडी, दो अलग जांच एजेंसियां हैं और दोनों की कार्रवाई स्वतंत्र है. एजेंसी का आरोप है कि साहा के परिवार के बैंक खातों में भारी-भरकम संदिग्ध लेन-देन का पता चला है. आरोप है कि लगभग 46 लाख रुपये विधायक के करीबी रिश्तेदारों के बैंक खातों में जमा हुए. इनमें साहा की पत्नी के खाते में करीब 26 लाख और पिता के खाते में करीब 20 लाख रुपये गये. एजेंसी के वकील ने कहा : विधायक की पत्नी सरकारी नौकरी में हैं, फिर भी खाते में अचानक लाखों रुपये जमा हुए. इसकी स्पष्ट व्याख्या नहीं दी जा सकी. नौकरी चाहने वालों के बयान से तथ्य मिले हैं कि नकद और बैंकिंग दोनों माध्यमों से पैसा विधायक तक पहुंचा.
जीवन कृष्ण साहा से मिले हुमायूं कबीरराज्य में शिक्षक नियुक्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किये गये तृणमूल कांग्रेस के विधायक जीवन कृष्ण साहा से गुरुवार को उनकी पार्टी के ही विधायक हुमायूं कबीर ने मुलाकात की. इस दिन विचार भवन स्थित ईडी की विशेष अदालत में साहा को उनकी जमानत याचिका की सुनवाई के बाबत लाया गया था. अदालत परिसर में ही कबीर ने उनसे मुलाकात की. कबीर ने साफ किया कि वह पार्टी की ओर से नहीं, बल्कि व्यक्तिगत तौर पर साहा से मिलने पहुंचे थे. उन्होंने कहा : जेल में कोई अच्छा नहीं रहता. मैं सिर्फ यह देखने आया हूं कि उन्हें कोई समस्या तो नहीं है. उनकी तबीयत कैसी है. अदालत में पेशी के दौरान साहा से उनकी पत्नी और बेटे ने भी भेंट की. सूत्रों के अनुसार, दोनों विधायकों के बीच क्या बातचीत हुई यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन कबीर ने सहकर्मी का हालचाल लिया और जेल की सुविधाओं-असुविधाओं के बारे में जाना.
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