कोलकाता. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े एक बड़े धोखाधड़ी मामले में 15.41 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां कुर्क की है. यह कार्रवाई रांची अंचल कार्यालय द्वारा शुरू की गयी. केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा कुर्क की गयी 10 अचल संपत्तियां कोलकाता और हावड़ा में स्थित हैं. ये संपत्तियां बड़े पैमाने पर जीएसटी धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड अमित गुप्ता और उसके सहयोगियों की हैं. ईडी ने जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआइ) द्वारा जमशेदपुर में शिव कुमार देवड़ा, अमित गुप्ता, सुमित गुप्ता और अमित अग्रवाल उर्फ विक्की भालोटिया के नेतृत्व वाले एक आपराधिक गिरोह के खिलाफ दर्ज की गयी कई शिकायतों के आधार पर यह जांच शुरू की है. ईडी की जांच से पता चला है कि आरोपियों ने झारखंड, पश्चिम बंगाल और दिल्ली में 135 फर्जी कंपनियों का एक नेटवर्क बना कर और उसका संचालन करके एक बड़ी धोखाधड़ी को अंजाम दिया. इस सिंडिकेट की कार्यप्रणाली में बिना किसी वास्तविक आपूर्ति के फर्जी जीएसटी चालान जारी किये गये थे. इससे उन्हें 734 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) बनाने में मदद मिली, इस फर्जी आइटीसी को फिर कमीशन के लिए विभिन्न अंतिम-उपयोगकर्ता संस्थाओं को बेच दिया गया. इस अवैध क्रेडिट का इस्तेमाल अपनी वैध जीएसटी देनदारियों से बचने के लिए किया, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ. जांच से पता चला है कि इस आपराधिक गतिविधि से सिंडिकेट को लगभग 67 करोड़ रुपये का कमीशन मिला. मुख्य वित्तीय प्रबंधक के रूप में कार्यरत अमित गुप्ता पर आरोप है कि उसने कई अचल संपत्तियां अर्जित करके इस अवैध आय को वैध बनाने में अहम भूमिका निभायी है. जांच से यह भी पता चला है कि डीजीजीआइ द्वारा जांच शुरू करने के बाद गुप्ता ने जान-बूझकर इन संपत्तियों को अपने रिश्तेदारों और सहयोगियों को हस्तांतरित करके अपने कृत्यों को छिपाने की कोशिश की.
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