मंत्री ने संसद में बताया केंद्र के जवाब पर तृणमूल सांसद ने जतायी नाराजगी, कहा- डीवीसी ने बंगाल को डुबो दिया डीवीसी से छोड़े गये पानी पर केंद्र-राज्य आमने-सामने कोलकाता. लगातार बारिश और डीवीसी से छोड़े गये पानी ने राज्य के विभिन्न जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हुगली के आरामबाग और पश्चिम मेदिनीपुर के घाटाल का दौरा कर दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के खिलाफ आवाज उठायी. इसके चलते बंगाल में बाढ़ की स्थिति को लेकर केंद्र और राज्य के बीच टकराव का माहौल बन गया है. तृणमूल का आरोप: ‘मानव निर्मित बाढ़’: तृणमूल ने राज्यसभा में केंद्र द्वारा दी गयी जानकारी पर नाराजगी जतायी. आरोप है कि केंद्र ने दो महीने के बजाय केवल पिछले 28 दिनों में डीवीसी द्वारा छोड़े गये पानी का हिसाब दिया. तृणमूल सांसद ऋतोब्रत बनर्जी ने दावा किया कि यह एक मानव निर्मित बाढ़ है और भाजपा सरकार ने रणनीतिक रूप से जानकारी दबा दी है. सांसद ने जल संसाधन मंत्रालय से चार सवालों के जवाब मांगे. उन्होंने पूछा कि क्या डीवीसी ने 18 जून से पश्चिम बंगाल को 27 हजार लाख घन मीटर पानी छोड़ा? अगर हां, तो क्या पानी छोड़ने से पहले राज्य सरकार से चर्चा की गयी थी? अगर चर्चा हुई थी तो उसका विवरण क्या है? और यदि बिना चर्चा के पानी छोड़ा गया, तो उसका कारण क्या है? केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने सदन में एक सवाल के जवाब में दी जानकारी जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने लिखित जवाब में बताया कि 18 जून से 15 जुलाई तक मैथन और पंचेत जलाशयों से कुल 27,987 लाख घन मीटर पानी छोड़ा गया. उन्होंने कहा कि पानी छोड़ने का निर्णय डीवीसी अधिकारियों ने लिया था और समिति में नदी प्रबंधन एवं केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य, साथ ही पश्चिम बंगाल व झारखंड सरकारों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं. केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि बाढ़ नियंत्रण के साथ-साथ पेयजल, सिंचाई, नौवहन और उद्योगों को अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए डीवीसी वैज्ञानिक तरीके से और डीवीआरआरसी नियमों के अनुसार काम करता है. ऋतोब्रत बनर्जी ने केंद्र के जवाब को असंतोषजनक बताया. उन्होंने कहा, “मैंने पूछा कि डीवीसी ने कितना पानी छोड़ा है. उन्होंने जवाब दिया कि एक महीने में 27,987 लाख घन मीटर पानी छोड़ा गया. जबकि हमारा कहना है कि जून-जुलाई के दो महीनों में 50,287 लाख घन मीटर पानी छोड़ा गया. 2023 की तुलना में डीवीसी द्वारा छोड़ा गया पानी 30 गुना और 2024 की तुलना में 11 गुना अधिक है.”
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