कोलकाता.
मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी की विजयादशमी का शुभकामना पत्र मिलने के बाद पार्टी के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने इशारों भरा एक सोशल मीडिया पोस्ट किया, जिसने राजनीतिक हलकों में चर्चा बढ़ा दी है. उन्होंने लिखा : अभी भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रति कर्तव्य पर अडिग हूं, लेकिन मन के ईशान कोण में बादल जमा है. इस पोस्ट को लेकर अटकलें हैं कि घोष पार्टी के अंदरूनी हालात से नाराज हैं. घोष ने पहले भी सोशल मीडिया पर ऐसे ही संकेत दिये थे. कुछ दिन पहले उन्होंने लिखा था : बड़े मैदान में उतरते ही सब कुछ धुंधला-धुंधला लग रहा है. उन्होंने यह भी कहा था कि आरजी कर अस्पताल में हुई घटना के बाद हुए आंदोलन के समय जो लोग चुप थे, अगर अब वे सक्रिय होते हैं, तो कार्यकर्ता क्यों मानेंगे? अपने पुराने पोस्ट में उन्होंने यह भी कहा था : जो मुझसे अच्छा व्यवहार करेगा, मैं उसका जूता भी पॉलिश कर दूंगा. लेकिन अगर कोई मेरी पूंछ पर पैर रखेगा, तो मैं हनुमान की तरह जवाब दूंगा.हाल ही में एक निजी चैनल को दिये साक्षात्कार में घोष ने कहा था कि वह पार्टी के कुछ हिस्सों की भूमिका को धुंधली देख रहे हैं. उसी दिन शाम को उन्हें मुख्यमंत्री बनर्जी का विजयादशमी का संदेश पत्र मिला और कुछ घंटों बाद उन्होंने फिर नया पोस्ट किया, जिसमें लिखा : ईशान कोण में बादल जमा है. जब पत्रकारों ने उनसे इस पर सवाल पूछा, तो घोष ने कहा : यह पहली बार नहीं हो रहा. यह जीवन का हिस्सा है. मैंने कई तूफान देखे हैं, इसलिए मान कर चल रहा हूं कि कुछ न कुछ जरूर होगा.विपक्ष ने साधा निशाना : इस बयान के बाद भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने मीडिया से बात करते हुए कहा : कुणाल घोष को पार्टी में कोई अहमियत नहीं मिल रही, इसलिए कभी-कभी वह ऐसी बातें करते हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को खुश करने और खुद को फिर से आगे लाने की कोशिश कर रहे हैं. तृणमूल में अंदरूनी कलह साफ दिख रही है. तृणमूल सूत्रों का कहना है कि यह घोष का व्यक्तिगत भावनात्मक बयान है और इसका कोई राजनीतिक मतलब नहीं निकालना चाहिए.
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