कोलकाता.
पश्चिम बंगाल में बालू तस्करी के बड़े नेटवर्क का खुलासा करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के हाथ महत्वपूर्ण सबूत लगे हैं. जांच में सामने आया है कि ई-चालानों के जरिये बड़े पैमाने पर जालसाजी की गयी और करोड़ों रुपये के राजस्व की चोरी हुई. इडी सूत्रों के अनुसार, बालू तस्करों ने स्कैनर और क्यूआर कोड में हेराफेरी कर पूरे खेल को अंजाम दिया. चालान की हार्ड कॉपी में एक नाम दर्ज होता था, लेकिन स्कैन करने पर किसी दूसरी कंपनी का नाम निकलता था. इसी तकनीकी धोखाधड़ी के जरिए भारी मात्रा में अवैध रूप से बालू की निकासी की जाती रही. हाल ही में इडी ने झाड़ग्राम और पश्चिम मेदिनीपुर समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की. छापों में बड़ी संख्या में ई-चालान बरामद हुए. इनमें झाड़ग्राम के एक बालू कारोबारी का नाम सामने आया. जांचकर्ताओं ने जब क्यूआर कोड स्कैन किया, तो चालान नंबर तो वही रहा, लेकिन लीज होल्डर कंपनी का नाम बदलकर दूसरी निजी कंपनी का विवरण सामने आ गया. गौरतलब रहे कि विगत सोमवार को मेदिनीपुर के एक बालू व्यवसायी के घर पर हुई तलाशी में इडी ने कई अहम दस्तावेजों के साथ करीब 64 लाख रुपये नकद, एक मनी काउंटिंग मशीन और अन्य सामान जब्त किये थे. इसके बाद नदी किनारे से बालू ढोकर ला रही उसी व्यवसायी की कंपनी का ट्रक पकड़ा गया. गाड़ी से बरामद ई-चालान स्कैन करने पर पूरा घोटाला उजागर हो गया. इडी अब इन बरामद चालानों के आधार पर तस्करी नेटवर्क के मास्टरमाइंड तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. अधिकारियों का कहना है कि बहुत जल्द इस रैकेट से जुड़े बड़े चेहरों का पर्दाफाश किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

