कहा : किसी और जांच एजेंसी से करानी चाहिए मामले की जांच
संवाददाता, कोलकाताआरजी कर कांड को लेकर भाजपा नेता दिलीप घोष ने सीबीआइ जांच पर सवाल उठाये हैं. भाजपा नेता ने पीड़िता के माता-पिता के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि जब इतने जघन्य अपराध में न्याय नहीं मिलता है, तो स्वाभाविक रूप से इसमें शामिल सभी पक्षों पर सवाल उठेंगे. अदालत के माध्यम से एक नयी निष्पक्ष जांच शुरू की जानी चाहिए. बहुत सी जानकारियों को नजरअंदाज किया गया है. श्री घोष ने कहा कि न्यायालय से पीड़िता के माता-पिता को अभी तक न्याय नहीं मिला है. वे सड़कों पर उतरे हैं, क्योंकि आम लोगों का मानना है कि इस मामले में न्याय नहीं मिला है लेकिन सत्ताधारी दल इस घटना को दबाना चाहता है.”””” सरकार इतनी सख़्त इसलिए है, क्योंकि वह इस आंदोलन से डरी हुई है.’ दिलीप घोष ने नबान्न अभियान के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दावा किया, ‘यह आंदोलन अब किसी राजनीतिक दल तक सीमित नहीं रहा. इसने जनांदोलन का रूप ले लिया है. सरकार यह अनुमान नहीं लगा सकती कि कितने लोग सड़कों पर उतरेंगे. इसीलिए तृणमूल सरकार डरी हुई है.’दिलीप घोष ने राज्य सरकार की भूमिका पर भी बात की. उन्होंने कहा, ‘जैसे ही लोकतांत्रिक आंदोलन शुरू होता है, सरकार मुक़दमे दर्ज करके उसे दबाने की कोशिश करती है. जब सरकार दबाव में आती है, तो अपनी छवि बचाने के लिए तरह-तरह के दबाव बनाती है. डॉक्टरों को निलंबित या स्थानांतरित करके उन्हें दबाने की कोशिश की गयी है. यह सरकार की मनमानी का सबूत है.’
बंगाल में लागू होना चाहिए एसआइआर
मतदाता सूची और चुनाव आयोग द्वारा हाल ही में उठाये गये कदमों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल बांग्लादेशी नागरिकों को मतदाता सूची में रखकर बंगाल की सत्ता में बने रहना चाहता है. हालांकि, अब चुनाव आयोग सक्रिय हो गया है और लोगों को भी उम्मीद है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होंगे. बिहार की सफलता ने दिखा दिया है कि अगर प्रशासनिक सद्भावना हो तो कुछ भी असंभव नहीं है.
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