प्रतिनिधि, हुगली.
तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने माकपा पर निशाना साधते हुए कहा कि माकपा ने कितनी महिलाओं को टिकट दिया था? लोकसभा चुनाव में कितनी महिलाओं को उम्मीदवार बनाया था? दूसरी ओर, ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल ने भारतीय संसद में 42 फीसदी महिला प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया है. माकपा की समस्या यह है कि अब उसके पास कोई नेता नहीं बचा है. मीनाक्षी के भरोसे जितना आगे बढ़ सके, बढ़ गये. सिंगूर और औद्योगीकरण के मुद्दे पर माकपा को आड़े हाथों लेते हुए कल्याण बनर्जी ने कहा : माकपा को अपनी सोच बदलनी चाहिए. 2011 में सत्ता से बाहर होने के बाद वह कुछ भी करने में असमर्थ रहे हैं. पार्टी शून्य में चली गयी है, कोई प्रगति नहीं हो रही है. उन्हें यह समझना चाहिए कि क्या कहना चाहिए और क्या नहीं.
कल्याण बनर्जी ने कहा : बुद्धदेव भट्टाचार्य की सबसे बड़ी गलती किसानों के खिलाफ कदम उठाना था. हम किसी उद्योग के विरोध में नहीं थे, बल्कि किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए खड़े थे. किसानों को उनके हक से वंचित नहीं किया जा सकता. टाटा के नैनो प्रोजेक्ट पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा : माकपा को यह भी देखना चाहिए कि टाटा की नैनो परियोजना गुजरात में जाकर धराशायी हो गयी. वे जिस नैनो का सपना दिखा रहे थे, वह वहां जाकर बिक भी नहीं रही.
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