कोलकाता. धापा स्थित निगम का डंपिंग ग्राउंड पूरी तरह से भर चुका है. जो निगम के ठोस कचरा प्रबंधन विभाग के लिए बड़ी समस्या बन गया है. इस बीच, बुधवार को निगम के मेयर इन काउंसिल की बैठक में धापा में साइंटिफिक लैंडफिल साइट की योजना को क्रियान्वित करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया. यह निगम की लंबे समय से चली आ रही योजना है. महानगर के कचरे के प्रसंस्करण के लिए 73 हेक्टेयर भूमि पर धापा में एक और नया संयंत्र बनाया जायेगा. अब तक इस जमीन पर किसान और मछुआरे अपनी जीविका चलाते थे. बाद में निगम ने किसानों को समझा-बुझा कर उनसे जमीन वापस ले ली. निगम के ठोस कचरा प्रबंधन विभाग के मेयर परिषद के सदस्य देबब्रत मजूमदार ने बुधवार काउंसिल की बैठक के बाद यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मुआवजे के लिए 27 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. उधर, मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि काउंसिल की बैठक में निर्णय लिया गया कि निगम धापा के किसानों को फसल मुआवजा प्रदान करेगी. सूत्रों के अनुसार, धापा में लगभग 883 लोग इस जमीन पर खेती करते थे. निगम इन सभी को 25-25 हजार रुपये का एकमुश्त मुआवजा देगा. वर्तमान में कोलकाता सहित कई अन्य नगर निकायों से प्रतिदिन चार हजार टन कचरा धापा आता है.
हालांकि, उसमें से केवल 500 टन कचरे का ही प्रसंस्करण हो पाता है, इसलिए विशेषज्ञों का मानना है कि इस नये प्लांट के निर्माण के बाद कचरा प्रसंस्करण की क्षमता बढ़ जाेगी, जिससे इस प्रक्रिया में और तेजी आयेगी.
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