कोलकाता.
तीन सप्ताह पहले पीएम नरेंद्र मोदी एक ‘राजनीतिक’ कार्यक्रम के लिए पश्चिम बंगाल आये थे. इस बार वह पूरी तरह से सरकारी कार्यक्रम में आये. जिस तरह दोनों यात्राओं के बीच का अंतर बाहरी तौर पर देखा गया है, उसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने व्यवहार से साफ कर दिया है कि उन्हें दोनों कार्यक्रमों के बीच का अंतर पता है. मोदी ने इस यात्रा के दौरान न तो सोशल मीडिया पर कोई राजनीतिक टिप्पणी की और न ही अपनी पार्टी के राज्य नेतृत्व से अलग से मुलाकात की. सोमवार दोपहर कोलकाता से रवाना होने से पहले उन्होंने राज्य के दमकल मंत्री सुजीत बोस के जरिये मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का अभिवादन किया. सोमवार सुबह 9:25 बजे प्रधानमंत्री का काफिला राजभवन से विजय दुर्ग के लिए रवाना हुआ. सुबह 9:30 बजे विजय दुर्ग पहुंचकर उन्होंने ‘संयुक्त कमांडर सम्मेलन’ का उद्घाटन किया. पीएम दोपहर एक बजे तक वहां रहे. इसके बाद वह रेसकोर्स गये और हेलीकॉप्टर से कोलकाता हवाई अड्डे के लिए रवाना हुए. दोपहर दो बजे से पहले बिहार के लिए वह रवाना हो गये. प्रधानमंत्री को विदाई देने के लिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य, केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार और विभिन्न भाजपा जनसंगठनों के प्रदेश अध्यक्ष हवाई अड्डे पर मौजूद थे. राज्य सरकार की ओर से मंत्री सुजीत बोस भी मौजूद थे. विमान में चढ़ने से पहले प्रधानमंत्री ने अपनी पार्टी के सभी सदस्यों को ‘नमस्कार’ कहा. उन्होंने सुजीत से भी यही कहा. लेकिन उन्होंने यह भी कहा, ‘दीदी को मेरा नमस्कार’. हालांकि सुकांत मजूमदार के प्रति राज्य पुलिस के व्यवहार को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. सोमवार को मोदी को विदाई देते समय पुलिस ने केंद्रीय राज्य मंत्री की कार को वीवीआइपी गेट तक नहीं जाने दिया. उनकी कार को कुछ ही दूरी पर पुलिस बैरिकेड के बाहर रोक दिया गया. सुकांत वहां से पैदल अंदर चले गये. हालांकि सुजीत बोस की कार को नहीं रोका गया. सुकांत ने पुलिस के इस ‘भेदभावपूर्ण’ व्यवहार पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने कहा कि डीसी ने मेरी कार को अंदर जाने से मना किया है. वह डीसी के खिलाफ अधिकारों के हनन की शिकायत दर्ज करा रहे हैं. लोकसभा अध्यक्ष उन्हें तलब करेंगे. उनसे जो जवाब चाहिए वह देंगे. वादे के मुताबिक केंद्रीय राज्य मंत्री ने सोमवार को स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज करायी. इस पर तृणमूल नेता कुणाल घोष ने कहा कि विरोधी दल के नेता और दिलीप घोष यदि होते तो वह प्रवेश कर जाते. उन्हें लगता है कि सुकांत मजूमदार कौन है, वे ये समझ नहीं पाये होंगे, इसलिए प्रवेश करने से रोक दिया गया.चुनाव आते ही डेली पैसेंजर बन गये हैं पीएम : कुणाल घोषहावड़ा. हावड़ा नगर निगम के टाउनहॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे तृणमूल नेता कुणाल घोष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बंगाल दौरे को लेकर तंज कसते हुए कहा कि चुनाव के पहले वह हमेशा की तरह इस बार भी दैनिक यात्री की तरह आना-जाना शुरू कर दिये हैं. जिस राज्य में चुनाव है, वहां पर वह अब लगातार आ रहे हैं. चुनाव को ध्यान में रखते हुए डेली पैसेंजर बन गये हैं. श्री घोष ने कहा- एसआइआर को लेकर सीएम ममता बनर्जी अपना रुख स्पष्ट कर दी हैं. अगर एक भी मतदाता का नाम कटता है, तो सीएम दिल्ली में चुनाव आयोग के कार्यालय का घेराव करेंगी.
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