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राज्य में बीएलओ को चुनाव आयोग ने दी सख्त हिदायत

राज्य में अगले महीने चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तावित विशेष गहन पुनरीक्षण (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) की शुरुआत होने की संभावना से पहले मुख्य निर्वाचन अधिकारी (मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी) का दफ्तर पूरी सतर्कता बरत रहा है. इस प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए बूथ लेवल अधिकारियों को सुरक्षा और आचरण संबंधी विशेष निर्देश दिये गये हैं.

कोलकाता.

राज्य में अगले महीने चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तावित विशेष गहन पुनरीक्षण (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) की शुरुआत होने की संभावना से पहले मुख्य निर्वाचन अधिकारी (मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी) का दफ्तर पूरी सतर्कता बरत रहा है. इस प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए बूथ लेवल अधिकारियों को सुरक्षा और आचरण संबंधी विशेष निर्देश दिये गये हैं.

सूत्रों के अनुसार, बूथ लेवल अधिकारियों को साफ हिदायत दी गयी है कि अगर उन्हें ड्यूटी के दौरान किसी भी राजनीतिक दल, प्रशासनिक तंत्र या किसी अन्य व्यक्ति की ओर से दखल, विरोध या सहयोग न करने जैसी स्थिति का सामना करना पड़े, तो वे तुरंत इसकी सूचना मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय को दें.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी, मामले की गंभीरता और तात्कालिकता के आधार पर कार्रवाई करेंगे और जरूरत पड़ने पर इस संबंध में चुनाव आयोग के दिल्ली मुख्यालय को रिपोर्ट भेजेंगे. आयोग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति, चाहे वह राजनीतिक हो या प्रशासनिक, बूथ लेवल अधिकारियों के काम में बाधा डालते हुए पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी का दफ्तर सुरक्षा इंतजामों की भी गहन समीक्षा करेगा. अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि बूथ लेवल अधिकारियों को फील्ड विजिट के दौरान पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करायी जाये. अगर सुरक्षा इंतजाम में किसी तरह की लापरवाही पायी जाती है, तो इसे तुरंत चुनाव आयोग के संज्ञान में लाया जायेगा और आयोग उसके अनुसार कदम उठायेगा. चुनाव आयोग पहले ही सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को बूथ लेवल अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष सतर्कता बरतने का आदेश दे चुका है.

विपक्ष के नेता ने बीएलओ की सुरक्षा को लेकर जतायी चिंता

इस बीच, विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी बूथ लेवल अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद कई बार यह याद दिला चुकी हैं कि बूथ लेवल अधिकारी अंततः राज्य सरकार के कर्मचारी हैं, ऐसे में उनकी सुरक्षा को लेकर आशंका और बढ़ जाती है.

सीईओ कार्यालय ने शुरू की मतदान केंद्रों का विस्तृत डाटाबेस तैयार करने की प्रक्रिया

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने विधानसभा चुनाव 2026 से पहले राज्य के सभी मतदान केंद्रों का विस्तृत डाटाबेस तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सीईओ कार्यालय से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार, कई पुराने मतदाताओं के बूथ इस बार बदले जा सकते हैं. इसकी वजह यह है कि आगामी चुनावों में मतदान केंद्रों की संख्या में करीब 17 फीसदी की बढ़ोतरी की गयी है. 2021 विधानसभा और 2024 लोकसभा चुनावों की तुलना में 2026 में कुल बूथों की संख्या बढ़कर 94 हजार से अधिक हो जायेगी. निर्वाचन आयोग के निर्देश के तहत अब किसी भी बूथ पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे. इसी कारण अतिरिक्त मतदान केंद्र बनाये गये हैं.

सूत्रों के अनुसार, तैयार किये जा रहे डाटाबेस में प्रत्येक बूथ की लोकेशन, ढांचा और उपलब्ध सुविधाओं का ब्योरा दर्ज किया जायेगा. इसमें रैंप, शौचालय, पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ प्रवेश और निकास द्वारों की जानकारी भी होगी. इसके अलावा, मतदाता के घर से मतदान केंद्र की दूरी का विवरण भी उपलब्ध कराया जायेगा.

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