कोलकाता.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को केंद्र सरकार पर माल व सेवा (जीएसटी) कर की दरें घटा कर वित्तीय बोझ राज्यों पर डालने और इसका ‘अनुचित श्रेय’ लेने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जीएसटी सुधार सिर्फ राज्यों की उपलब्धि है, इसमें केंद्र सरकार का कोई योगदान नहीं है. मुख्यमंत्री ने सोमवार को दुर्गापूजा पंडाल का उद्घाटन करने के बाद कहा कि हालांकि जीएसटी कम करने से राज्य को 20,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा, फिर भी वह इस फैसले का स्वागत करती हैं, क्योंकि इससे आम आदमी को फायदा होगा. गौरतलब है कि सोमवार को मुख्यमंत्री ने खिदिरपुर 25 पल्ली, 74 पल्ली, अलीपुर कोलाहल, बेहला नतून दल, बरिशा क्लब, अजेय संहति, 41 पल्ली, बोसपुकुर तालबागान, 21 पल्ली, आदिवासी बालीगंज, हिंदुस्तान पार्क व कालीघाट मिलन संघ के पूजा पंडाल का उद्घाटन किया.गौरतलब है कि सोमवार से राज्य सहित पूरे देश में नयी जीएसटी दरें लागू हो गयीं. इसे लेकर मुख्यमंत्री ने कहा : मैंने ही (लोगों पर) अतिरिक्त जीएसटी बोझ हटाने की मांग की थी और केंद्र को इसका अनुचित श्रेय नहीं लेना चाहिए. केंद्र को एक पैसा भी खर्च नहीं करना पड़ेगा. हर राज्य को राजस्व नुकसान से निबटने के तरीके खोजने होंगे.
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जल्द ही जीएसटी कम करने के बाद राज्य के रुख पर अखबारों में विज्ञापन जारी करेगी. उन्होंने पूछा : 20,000 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान के बाद हमें पैसा कैसे मिलेगा? मुख्यमंत्री ने रविवार को भी जीएसटी कम करने का अनुचित श्रेय लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की थी.पीएम मोदी ने 21 सितंबर को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि सोमवार को ‘नवरात्र’ के पहले दिन से ‘जीएसटी बचत उत्सव’ शुरू होगा, जो आयकर छूट के साथ मिलकर अधिकांश लोगों के लिए ‘डबल बोनैंजा’ (दोहरा लाभ) होगा.
मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा कि राज्य में हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई विभिन्न समुदायों के लोग दुर्गा पूजा उत्सव में भाग लेते हैं. उन्होंने कहा कि विविधता में एकता ही हमारी ताकत है. सीएम ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित कुछ राज्यों में बांग्ला भाषी प्रवासियों का कथित तौर पर उत्पीड़न किये जाने के मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा : मुझे हर भाषा से प्यार है, लेकिन मैं अपनी भाषा का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती. उन्होंने कहा कि किसी को भी धार्मिक विभाजन के बीज नहीं बोने चाहिए, क्योंकि दुर्गा, वैष्णो देवी और काली एक ही देवी हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हर धर्म अपने-अपने रास्तों से ईश्वर तक पहुंचने की बात करता है, तो हमें गुटों में क्यों बंटना और लड़ना चाहिए?मुख्यमंत्री ने जनता से उन लोगों से भी सतर्क रहने को कहा, जो उन्हें बांटने की कोशिश करते हैं. उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा : कृपया दूसरों का, उनकी संस्कृति, बोली और विरासत का सम्मान करें. हमें बांटने वालों के षड्यंत्रों का शिकार न बनें. कृपया किसी का अपमान न करें.
सीएम ने नवरात्रि पर लिखा गीत, सोशल मीडिया पर डालाकोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को नवरात्रि के प्रथम दिन अपना लिखा नया गीत प्रस्तुत किया. सीएम ने शारदीय नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए नया पूजा गीत जनता के साथ साझा किया. सोमवार सुबह माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में लिखा कि शरद ऋतु के नीले आकाश में मां दुर्गा का आगमन हो रहा है. इसी शुभ क्षण पर उन्होंने सभी को नवरात्रि के प्रथम दिन की हार्दिक बधाई दी और कहा कि इस आनंदमय दिन पर वे अपना नया गीत लोगों तक पहुंचा रही हैं.
सीएम ने नवरात्रि पर लोगों को दीं शुभकामनाएंकोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को नवरात्रि की शुरुआत पर लोगों को शुभकामनाएं दीं. मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा कि वह इस पावन अवसर पर सभी को अपनी ओर से शुभकामनाएं प्रेषित करती हैं. नवरात्रि, जो नौ दिनों तक देवी दुर्गा की आराधना का पर्व है, इस वर्ष 22 सितंबर से दो अक्तूबर तक मनाया जायेगा. ममता बनर्जी ने अपने संदेश में कहा कि यह पर्व समाज में शांति, समृद्धि और भाईचारे को सुदृढ़ करेगा. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि नवरात्रि केवल धार्मिक आस्था का पर्व नहीं, बल्कि स्त्री शक्ति के सम्मान और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक भी है.
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