टॉलीवुड सितारों की मौजूदगी में हुआ 31वें कोलकाता अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आगाज कोलकाता. 31वें कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (केआइएफएफ) का उद्घाटन गुरुवार को धनधान्य ऑडिटोरियम में धूमधाम से हुआ. इस बार महोत्सव की शुरुआत टॉलीवुड के कई दिग्गज सितारों की मौजूदगी में हुई, जबकि बॉलीवुड से केवल फिल्म निर्देशक रमेश सिप्पी और उनकी पत्नी किरण सिप्पी शामिल हुए. उद्घाटन समारोह में अभिनेता एवं सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने आधिकारिक रूप से उत्सव के आगाज की घोषणा की. इस मौके पर फिल्म निर्देशक रमेश सिप्पी ने कहा कि सिनेमा लोगों के दिलों को जोड़ती है और कला-संस्कृति के जरिये पूरे विश्व को एक सूत्र में बांधने का कार्य करती है. उन्होंने कहा कि कोलकाता का भारतीय सिनेमा में अपना महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जो हमेशा लोगों को आकर्षित करता है. उन्होंने आगे कहा , “एक फिल्ममेकर के रूप में मैंने हमेशा कॉमर्स और अच्छी सिनेमा के बीच संतुलन बनाये रखने की कोशिश की है. कोलकाता आकर हमेशा अच्छा लगता है.” 31वें केआइएफएफ के चेयरमैन गौतम घोष ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि आज के तकनीकी युग में डिजिटल टूल्स की मदद से सिनेमा में बहुत परिवर्तन आया है, लेकिन इसके बावजूद सिनेमा का जादू अब भी कायम है. उन्होंने कहा कि सूचना क्रांति के दौर में नये फिल्मकार तकनीक का सहारा ले रहे हैं, पर एक सच्चे फिल्ममेकर का दायित्व है कि वह ऐसी फिल्में बनाये जो समाज को जोड़ें और लोगों को सामाजिक रूप से जागरूक करें. उद्घाटन कार्यक्रम में गायिका आरती मुखोपाध्याय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सराहना करते हुए कहा कि वह बंगाल की समृद्ध कला और कलाकारों को संरक्षित करने के लिए लगातार प्रयासरत रहती हैं. उनकी यही प्रतिबद्धता उन्हें प्रेरित करती है. कार्यक्रम की शुरुआत डोना गांगुली एंड ट्रूप के आकर्षक नृत्य प्रदर्शन से हुई. इस दौरान फिल्म, उद्योग, शिक्षा जगत और समाज के विभिन्न क्षेत्रों से कई नामी हस्तियां मौजूद थीं. मंच पर रमेश सिप्पी, किरण सिप्पी, शत्रुघ्न सिन्हा, गौतम घोष, आरती मुखोपाध्याय, सौरव गांगुली, रितुपर्णा सेनगुप्ता, रंजीत मल्लिक, कोयल मल्लिक, पाओली दाम, लिली चक्रवर्ती, राज चक्रवर्ती, कोशानी मुखर्जी, तिलोत्तमा शोम, प्रसेनजीत चटर्जी सहित टॉलीवुड के कई प्रसिद्ध कलाकारों का अभिनंदन किया गया. कार्यक्रम की मेजबानी परमब्रत चट्टोपाध्याय और जून मालिया ने की. उद्घाटन समारोह में फिल्मकार सुजॉय घोष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी उपस्थित थे. सुजॉय घोष ने कहा कि सिनेमा में जाति, धर्म या किसी संप्रदाय का कोई स्थान नहीं होता. यह सिर्फ भावनाओं के जरिये लोगों के दिलों तक पहुंचती है और उन्हें जोड़ती है. उन्होंने कहा कि कोलकाता छोड़ने के बाद भी मैंने सिनेमा को अपनी मां की तरह सम्मान दिया है. प्रिया और मेनका सिनेमा से जुड़ी कई यादें आज भी ताजा हैं. कहानी लिखने वालों, थिएटर कलाकारों और फिल्मकारों के प्रति लोगों का प्यार ही कलाकारों की असली ऊर्जा है. सौरव गांगुली ने कहा कि सिनेमा कला, संस्कृति और लोगों की भावनाओं से गहराई से जुड़ा हुआ है. 31वें केआईएफएफ का अपना अलग ही आकर्षण और गरिमा है. वहीं, शत्रुघ्न सिन्हा और आरती मुखोपाध्याय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी नेतृत्व क्षमता में बंगाल का गौरव सुरक्षित रहेगा और वह निरंतर बेहतर कार्य कर रही हैं. इस बार के फेस्टिवल में एक नया सेक्शन जोड़ा गया है, जिसमें सेमिनार, टॉक शो, फिल्म सेशन और प्रदर्शनी का आयोजन किया जायेगा. साथ ही रितिक मेमोरियल टॉक शो, फिल्मी सत्र और कई फिल्मों की स्क्रीनिंग की जायेगी. 31वां केआइएफएफ 13 नवंबर तक चलेगा. इस दौरान कुल 215 फिल्में प्रदर्शित की जायेंगी, जिनमें 18 भारतीय और 30 विदेशी भाषाओं की फिल्में शामिल हैं. 21 स्थलों पर फीचर फिल्म, शॉर्ट फिल्म और डॉक्यूमेंट्री दिखायी जायेंगी. इस वर्ष फेस्टिवल में ऋत्विक घटक को उनकी शताब्दी पर विशेष श्रद्धांजलि दी जा रही है. साथ ही रिचर्ड बर्टन, संतोष दत्ता, सलिल चौधरी, राज खोसला, सैम पेकिनपाह, वोज्शिएक हास, रॉबर्ट रेडफोर्ड, क्लाउडिया कार्डिनल, डेविड लिंच, श्याम बेनेगल, अरुण रॉय, राजा मित्रा और शशि आनंद को भी श्रद्धांजलि अर्पित की जायेगी. इस बार का थीम देश ‘पोलैंड’ है.
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