डॉक्टर के परिजनों ने हावड़ा नगर निगम को पत्र लिख मांगी मदद
संवाददाता, हावड़ा
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के मालिक डॉ राधागोविंद कर की पुश्तैनी जमीन पर बनी झील पर कब्जा कर लिया गया है. डॉ कर का यह पुश्तैनी घर हावड़ा नगर निगम के वार्ड नंबर 44 में है. करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी और 58 फीट चौड़ी यह झील कचरे से पूरी तरह पट गयी है. झील के दोनों किनारों पर अवैध रूप से कई घर भी बनाये गये हैं. बताया जा रहा है कि एक जमाने में यह झील जल-निकासी के लिए काफी महत्वपूर्ण थी. बारिश का पानी झील में गिरने से आसपास के इलाकों में जल-जमाव की समस्या नहीं होती थी. लेकिन पिछले कई वर्षों से यह झील बड़ी-बड़ी घासों और झाड़ियों से भर गयी है. इससे इलाके की निकासी व्यवस्था प्रभावित हुई है. साथ ही मच्छरों का उत्पात भी बढ़ गया है.
डॉ कर परिवार की इस झील को मोतीझील के नाम से जाना जाता है. यह झील वार्ड- 44 के महेंद्र भट्टाचार्य रोड से सटे केलाबागान इलाके से लेकर बेलेपोल तक करीब डेढ़ किमी क्षेत्रफल में फैली है. कभी मछुआरे इस झील में मछलियां पकड़ने आते थे. नहाने एवं बर्तन धोने तक का सारा काम इसी झील के पानी से होता था. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से इस झील पर कब्जा कर लिया गया है. झील के दोनों तरफ अतिक्रमणकारियों का कब्जा है. इसके चलते पिछले कुछ वर्षों से उक्त इलाकों में जल-जमाव की समस्या बन गयी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है