पूर्व मंत्री को 10 लाख रुपये का बॉन्ड और इतनी ही राशि का मुचलका जमा करने का निर्देश
संवाददाता, कोलकाताकलकत्ता हाइकोर्ट ने शिक्षक नियुक्ति अनियमितता के मामले में राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को शुक्रवार को जमानत दे दी. इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) कर रहा है. राज्य के सरकारी स्कूलों में नौकरी के लिए नकदी मामले के मुख्य आरोपी चटर्जी को प्राथमिक स्कूल नियुक्ति में अनियमितताओं के मामले में जमानत दी गयी. सीबीआइ ने पिछले साल 27 दिसंबर को आरोप-पत्र दायर किया था. यह घोटाला हजारों करोड़ रुपये का है. पूर्व मंत्री तीन साल से अधिक समय से जेल में हैं और केंद्रीय जांच एजेंसियों प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआइ द्वारा उन पर लगाये गये अन्य मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है. नये जमानत आदेश के तहत, जमानत मुचलका भरने की औपचारिकताएं पूरी होने के बाद वह जेल से बाहर आ सकते हैं. हालांकि, वकीलों ने इस बात पर संदेह व्यक्त किया कि क्या पूर्व मंत्री को दुर्गापूजा उत्सव से पहले रिहा किया जायेगा और कहा कि मामले से संबंधित उच्चतम न्यायालय के आदेश के मद्देनजर, औपचारिकताएं पूजा की छुट्टियों के बाद अदालतों के फिर से खुलने के बाद ही पूरी हो सकती हैं.क्या कहा हाइकोर्ट ने
पार्थ चटर्जी को जमानत देते हुए न्यायमूर्ति एस घोष ने कहा : याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप उसके आधिकारिक पद के दुरुपयोग से संबंधित हैं और अब वह पद पर नहीं हैं. इसलिए, यह नहीं कहा जा सकता कि वह अपने पद का दुरुपयोग करने या इसी तरह के अपराध करने की स्थिति में हैं. न्यायमूर्ति घोष ने चटर्जी को 10 लाख रुपये का बॉन्ड और इतनी ही राशि का मुचलका जमा करने का निर्देश दिया. न्यायालय ने चटर्जी को अपना पासपोर्ट जमा करने, बिना अनुमति के निचली अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर न जाने और सुनवाई की प्रत्येक तारीख पर उसके समक्ष उपस्थित होने के लिए भी कहा. न्यायमूर्ति घोष ने यह भी निर्देश दिया कि तृणमूल कांग्रेस के विधायक व पूर्व मंत्री को मुकदमा लंबित रहने तक किसी भी सार्वजनिक पद पर नियुक्त नहीं किया जायेगा. न्यायमूर्ति घोष ने कहा कि उनके फरार होने या कानून की प्रक्रिया से बचने की बहुत कम आशंका है व जांच एजेंसी ने चटर्जी से केवल एक बार 15 अक्तूबर, 2024 को पूछताछ की थी. उच्च न्यायालय ने कहा : इसलिए, यह अनुमान लगाया जा सकता है कि जांच एजेंसी को याचिकाकर्ता से आगे हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है. सीबीआइ के वकील ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए दलील दी कि याचिकाकर्ता समेत सभी आरोपियों ने बाहरी फायदे के बदले अयोग्य उम्मीदवारों की अवैध नियुक्ति सुनिश्चित करने में हाथ मिलाया है. न्यायालय के वकीलों के अनुसार, मामले में बयान दर्ज करने की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है और यह पूजा की छुट्टियों के बाद अदालतों के खुलने के उपरांत ही पूरी होगी.क्या है पार्थ चटर्जी पर आरोप
राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी पर प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों, सहायक विद्यालय शिक्षकों और शिक्षा विभाग के अन्य पदों पर अयोग्य अभ्यर्थियों की अवैध नियुक्तियां करने वाले रैकेट में शामिल होने का आरोप लगाया गया था.
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