संवाददाता, कोलकाता
पश्चिम बंगाल में बूथ-स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के एक मंच के लगभग 200 सदस्यों ने एसआइआर के तहत मसौदा मतदाता सूची से हजारों वास्तविक मतदाताओं के नाम कथित रूप से हटाये जाने के विरोध में मंगलवार को यहां मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. ””””बीएलओ ऐक्यो मंच”””” (बीएलओ एकता मंच) के सदस्यों ने निर्वाचन आयोग के खिलाफ नारे लगाये और आरोप लगाया कि आयोग की ‘केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के साथ मिलीभगत’ है.
अधिकारियों ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के बाद पश्चिम बंगाल की मतदाता सूची का मसौदा प्रकाशित किया, जिसमें मृत्यु, पलायन और जनगणना प्रपत्र जमा न करने समेत विभिन्न कारणों से 58 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम हटा दिये गये हैं.
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और मंच की सदस्य शिखा दत्ता ने विरोध स्थल पर दावा किया, ‘मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बार-बार विरोध के बावजूद, निर्वाचन आयोग ने हजारों वास्तविक मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करने के लिए कठोर विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) प्रक्रिया पर अमल किया.’’
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

