कोलकाता
. भाजपा के आइटी सेल के प्रमुख और बंगाल में पार्टी के केंद्रीय सह-पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि वह राज्य को बाल विवाह के गंदे दलदल में धकेल रही है. हाल ही में आये आंकड़ों के अनुसार, बंगाल में भारत में कम उम्र में विवाह की दर सबसे ज्यादा है.इस महीने की शुरुआत में जारी नमूना पंजीकरण रिपोर्ट का हवाला देते हुए श्री मालवीय ने इशारा किया कि बंगाल में 6.3 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले हो जाती है, जो देश में सबसे ज्यादा है. एक पोस्ट में उन्होंने इस आंकड़े को बंगाल की प्रगतिशील विरासत के साथ विश्वासघात बताया और कहा कि जो राज्य अब बाल विवाह में भारत का नेतृत्व कर रहा है, उसे ईश्वर चंद्र विद्यासागर या रवींद्रनाथ टैगोर का बंगाल नहीं कहा जा सकता. यह ममता का बंगाल है और यह पूरी तरह से उनकी अपनी शर्म है.मालवीय ने समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर की विरासत का स्मरण किया, जिन्होंने 1856 के विधवा पुनर्विवाह अधिनियम का समर्थन किया और बाल विवाह उन्मूलन के लिए अथक संघर्ष किया. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के बंगाल में बाल विवाह में तेजी आयी है. छोटी बच्चियों को उनके अधिकारों, सम्मान और स्वतंत्रता से वंचित किया जा रहा है, जिससे विद्यासागर द्वारा लड़े गये सुधारों को झटका लग रहा है. श्री मालवीय ने दावा किया कि वर्तमान स्थिति न केवल राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करती है, बल्कि भारतीय संविधान की भावना को भी कमजोर करती है. उन्होंने बंगाल के नैतिक और सामाजिक ताने-बाने के पतन की निंदा की और कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर भी इस तरह के सामाजिक पतन का विरोध करते. श्री मालवीय ने कहा कि मां, माटी और मानुष अब एक खोखला नारा है. सुधारकों और बुद्धिजीवियों से प्रेरित, कभी प्रगतिशील रहे बंगाल का पतन अब पूरी तरह से ममता बनर्जी के हाथों में है. उनकी राजनीति हर दिन बंगाल के महानतम नायकों की स्मृति का अपमान करती है.
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