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दलालों के आने से भाजपा की सांगठनिक शक्ति हो रही कमजोर

दिलीप घोष अपनी नवविवाहिता पत्नी रिंकू मजूमदार के साथ तृणमूल सरकार द्वारा निर्मित मंदिर गये और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की, जिससे इस आशय की अटकलें तेज हो गयीं कि वह 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी छोड़ सकते हैं.

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संवाददाता, कोलकाता

दीघा में जगन्नाथ मंदिर में दर्शन करने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं के एक वर्ग के विरोध का सामना कर रहे वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने कहा कि जब वह पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष थे उस दौरान पार्टी को पश्चिम बंगाल में मजबूती मिली और जब से इसमें ””””दलालों”””” का शामिल होना शुरू हुआ है तब से पार्टी गिरावट की ओर है. श्री घोष अपनी नवविवाहिता पत्नी रिंकू मजूमदार के साथ तृणमूल सरकार द्वारा निर्मित मंदिर गये और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की, जिससे इस आशय की अटकलें तेज हो गयीं कि वह 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी छोड़ सकते हैं.

श्री घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा का कद तब बढ़ा था, जब मैं राज्य इकाई का अध्यक्ष था. पार्टी को वर्तमान स्थिति तक पहुंचाने के लिए 250 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपना जीवन बलिदान कर दिया. लोगों ने हम पर भरोसा किया, लेकिन यह भरोसा लगातार कम होता जा रहा है. जब से पार्टी में दलाल शामिल हुए हैं तब से पार्टी में गिरावट आ रही है.

उन्होंने प्रदर्शनकारी पार्टी समर्थकों से कहा कि यदि आप अपने दुश्मनों से लड़ना चाहते हैं तो सही में लड़ाई लड़ें नाटक न करें. मैं यहां पार्टी बदलने नहीं आया हूं बल्कि राज्य की राजनीति बदलने आया हूं. जगन्नाथ मंदिर के दौरे के संबंध में श्री घोष ने कहा कि हमारी पार्टी ने हमें जाने से मना नहीं किया था. मुझे आमंत्रित किया गया था और यही कारण है कि मैं यहां आया हूं. मुझ में ऐसा करने का साहस है.

तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर घोष ने कहा, ‘मैं क्यों शामिल होऊंगा?’ उन्होंने कहा, ‘मेरा बुरा वक्त नहीं है. मैं पिछले 10 वर्षों में नहीं बदला हूं, मैंने अपनी पार्टी नहीं बदली है, जैसे कई लोग चुनाव आने पर पाला बदल लेते हैं. दिलीप घोष को पाला बदलने की जरूरत नहीं है.’

प्रधानमंत्री व गृह मंत्री सिर्फ बोलते नहीं, करके दिखाते हैं: भाजपा नेता दिलीप घोष ने शुक्रवार को पहलगाम हमले के संदर्भ में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सिर्फ बोलते नहीं हैं, बल्कि करके भी दिखाते हैं. सरदार पटेल के बाद तो लोग भूल ही गये थे कि देश में कोई गृह मंत्री का भी पद होता है, लेकिन जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गयी, उससे लोगों को गृह मंत्री के पद का अहसास हुआ. इसके अलावा, भाजपा नेता दिलीप घोष ने असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर दिलीप घोष ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “क्या होगा. आप उसे छोड़िए. भाजपा सरकार ने आतंकियों के खिलाफ क्या किया है, जरा वो देखिए.” उन्होंने सवाल पूछा, पिछले 75 सालों में आतंकियों के खिलाफ किसने कार्रवाई की? आतंकियों को किसने खत्म किया? जवाब बिल्कुल स्पष्ट है, मोदी सरकार ने किया है. आप ये देखिए कि अभी तक तो प्रधानमंत्री मोदी ने ये भी नहीं कहा है कि हम पाकिस्तान पर हमला करेंगे. लेकिन, उससे पहले ही पाकिस्तान में हाहाकार मचा हुआ है. वहां पर लोग खौफ में हैं. पाकिस्तान अब धीरे-धीरे खाली होता जा रहा है.

वहां के सभी मंत्री अब विदेश रवाना हो रहे हैं. इस तरह से पाकिस्तान खाली होता जा रहा है. पाकिस्तानियों को कुछ समझ नहीं आ रहा है कि क्या किया जाये. भाजपा नेता ने पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब जहाज डूबता है, तो सबसे पहले चूहे ही भागते हैं.

पाकिस्तान में मौजूदा स्थिति ऐसी ही बनी हुई है. सभी चूहे अब भाग रहे हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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