कर्मचारियों के महंगाई भत्ते के मामले की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने की तल्ख टिप्पणी
संवाददाता, कोलकाता/नयी दिल्लीपश्चिम बंगाल के सरकारी कर्मचारियों के बकाया महंगाई भत्ते (डीए) के मामले की सुनवाई में बुधवार को राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार का सामना करना पड़ा. न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति पीके मिश्रा की पीठ ने राज्य सरकार द्वारा डीए न दिये जाने को लेकर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य सरकार साहूकारों की तरह व्यवहार कर रही है. सरकारी पैसा जमा कर इसे कहीं और खर्च किया जा रहा है. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के कर्मचारियों के संगठन की ओर से वकील ने अपनी दलीलें शुरू कीं. न्यायाधीश ने यह टिप्पणी वर्ष 2006-2008 और 2019-2021 का डीए न दिये जाने का मुद्दा उठने के बाद की. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में डीए मामले की लंबी सुनवाई मंगलवार से शुरू हुई है. शीर्ष अदालत ने कहा कि वह मामले में फैसला आने तक लगातार सुनवाई करेगी. मंगलवार को शीर्ष अदालत में राज्य सरकार की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने दलीलें रखी थी. बुधवार को राज्य सरकार के कर्मचारियों की ओर से अधिवक्ताओं ने अपनी दलीलें अदालत के समक्ष पेश की. चूंकि, राज्य सरकार ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा था कि कर्मचारियों के डीए पाने के मौलिक अधिकार को कानूनी मान्यता नहीं है. इस पर न्यायमूर्ति संजय करोल ने राज्य के वकील से कहा कि आप कितना डीए दे सकते हैं. लेकिन सबसे पहले देना शुरू करें और अपने मुवक्किल (राज्य सरकार) को बताएं. राज्य सरकार का बयान था, ‘राज्य पैसा कहां से देगा? राज्य को उधार लेना होगा. इसके लिए राज्य को रिजर्व बैंक से संपर्क करना होगा. रिजर्व बैंक हमारी उधार लेने की क्षमता देखकर हमें ऋण देगा. फिर हमें विधानसभा में विनिवेश विधेयक लाना होगा. फिर पैसा दिया जायेगा. यह पूरी प्रक्रिया काफी समय लेने वाली है.’पैसा कहीं और खर्च किया जा रहा है: अदालत
सुनवाई की शुरुआत में सरकारी कर्मचारियों के वकील ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने 2006-2008 और 2019-2021 के बीच कोई डीए नहीं दिया है. यह सुनते ही न्यायमूर्ति संजय करोल ने महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य सरकार पुराने साहूकारों की तरह व्यवहार कर रही है. पैसा जमा करके कहीं और लगाया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

