कोलकाता. मतदाता सूची में फर्जी वोटर जोड़ने के आरोप में बंगाल सरकार के चार अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश को लेकर राज्य सरकार और चुनाव आयोग के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार चुनाव आयोग के आदेश पर किसी भी अधिकारी को दंडित नहीं करेगी. मुख्यमंत्री ने यह भी सवाल उठाया कि चुनाव की घोषणा न होने के बावजूद आयोग ने राज्य सरकार को यह आदेश कैसे दे दिया. उधर, चुनाव आयोग ने कहा है कि मतदाता सूची में संशोधन का काम पूरे साल चल सकता है. इसका चुनावों से कोई लेना-देना नहीं है. ऐसा कोई कानून नहीं है, जो यह कहता हो कि आयोग के पास केवल चुनाव की घोषणा के बाद ही अधिकार होंगे. चुनाव आयोग का आदेश मानने के लिए राज्य सरकार बाध्य है.
अधिकारियों को निलंबित नहीं करेंगे : ममता
मुख्यमंत्री ने राज्य के अधिकारियों को निलंबित करने के लिए निर्वाचन आयोग पर साधा निशाना
सीएम ने निर्वाचन आयोग पर सरकारी अधिकारियों को धमकाने का लगाया आरोप
कोलकाता/खड़गपुर. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मतदाता सूची तैयार करने में कथित चूक को लेकर राज्य सरकार के चार अधिकारियों और एक डाटा एंट्री ऑपरेटर को निलंबित करने के लिए बुधवार को निर्वाचन आयोग पर तीखा हमला बोला. उन्होंने इस कदम की वैधता पर सवाल उठाया और आयोग पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया. सुश्री बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को डराया धमकाया जा रहा है. उन्होंने झाड़ग्राम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा: अधिकारियों को कल (मंगलवार) निलंबन नोटिस दिया गया था. क्या अभी चुनावों की घोषणा हुई है? कौन सा कानून उन्हें इस समय निलंबित करने की अनुमति देता है? आप सभी की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है. हम ऐसा करेंगे. हम उन्हें निलंबित नहीं करेंगे.तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने निर्वाचन आयोग पर सरकारी अधिकारियों को धमकाने का आरोप लगाया और कहा कि उनका प्रशासन अपने कर्मचारियों के साथ खड़ा रहेगा. सुश्री बनर्जी ने कहा कि चुनावों में अभी काफी समय है, फिर भी उन्होंने लोगों को निलंबित करना शुरू कर दिया है. वह (निर्वाचन आयोग) भाजपा का बंधुआ मजदूर है. वे अमित शाह (केंद्रीय गृह मंत्री) और भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं. गृह मंत्री को लगता है कि वे जो कहेंगे, वही होगा. ममता बनर्जी की यह टिप्पणी निर्वाचन आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल में चार अधिकारियों – दो निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (इआरओ) और दो सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (एइआरओ) तथा एक डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं एक अस्थायी कर्मचारी को निलंबित करने के एक दिन बाद आयी है. रिपोर्ट के आधार पर, आयोग ने बारुईपुर पूर्व के देबोत्तम दत्ता चौधरी (इआरओ) तथागत मंडल (एइआरओ), मोयना के बिप्लब सरकार (इआरओ) और सुदीप्त दास (एइआरओ) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. ममता ने अमित शाह पर साधा निशान: सुश्री बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि वह पहले अपना जन्म प्रमाण पत्र दिखाएं. उन्होंने कहा कि भाजपा पुराने दस्तावेजों का हवाला देकर बंगाल के वोटरों के नाम काटने की योजना बना रही है, जिससे लोग भयभीत हैं और आत्महत्या तक कर रहे हैं. उन्हाेंने जनता से अपील की कि वे डरें नहीं, क्योंकि वह लोगों के अधिकार छीनने नहीं देंगी. इसके साथ ही, आरोप लगाया कि असम सरकार बंगाल के कई लोगों को नोटिस भेज रही है और यह पूरी प्रक्रिया अवैध है. उन्होंने सवाल किया कि किस कानून के तहत असम सरकार नोटिस भेज रही है? सुश्री बनर्जी ने चेतावनी दी कि अगर असली वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटाये गये, तो वह सख्त कदम उठायेंगी.सुश्री बनर्जी ने बुधवार को झाड़ग्राम में आयोजित रैली से राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और विशेष गहन संशोधन (एसआइआर) के मुद्दे पर केंद्र सरकार, असम सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि एसआइआर के बहाने बंगाल में एनआरसी लागू करने की साजिश चल रही है, लेकिन वह इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगी.
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