शगुन सामुदायिक भवन को लेकर आसनसोल नगर निगम में मची है खलबली आसनसोल. शगुन सामुदायिक भवन को लेकर आसनसोल नगर निगम में हलचल मची हुई है. तृणमूल के नेता ही आपस में टकरा रहे हैं. एक ओर 23 नंबर वार्ड की पार्षद सीके रेशमा हैं तो दूसरी ओर नगर निगम के मेयर विधान उपाध्याय हैं. शगुन सामुदायिक भवन की चाबी हैंडओवर नहीं करने, आसनसोल नगर निगम के कर्मचारियों सहित निगम की पूरी टीम को उक्त सामुदायिक भवन का कब्जा लेने के अपने आधिकारिक कर्तव्य का निर्वहन करने से जबरन रोकने, ऐसे अवैध कृत्य से नगर निगम कार्यालय को आर्थिक नुकसान होने का आरोप लगाकर मेयर श्री उपाध्याय ने पार्षद रेशमा को नामजद व अन्य को आरोपी बनाकर आसनसोल नॉर्थ थाने में शिकायत की. इस शिकायत के आधार पर आसनसोल नॉर्थ थाना केस नंबर 561/25 में पार्षद श्रीमती रेशमा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई. निगम के इतिहास में यह पहला मामला है जब मेयर ने अपनी ही पार्टी की नेता और पार्षद के खिलाफ किसी मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी है. आसनसोल नगर निगम का शगुन सामुदायिक भवन हाल के दिनों में काफी चर्चा में है, जिसे लेकर विरोधी सारी पार्टियां तृणमूल को निशाना बना रही हैं. यह सामुदायिक भवन पिछले आठ वर्षों से वार्ड नगर 23 की पार्षद सीके रेशमा की देखरेख में है. वर्ष 2021 में तीन साल के लिए उनके संगठन को सालाना करीब डेढ़ लाख रुपये के समझौते के तहत मिला था. नगर निगम ने शगुन को लेकर निविदा जारी की थी.
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