अगली सुनवाई पांच मई को
संवाददाता, कोलकाता.
पूर्वी कोलकाता के इएम बाइपास के जगतीपोता इलाके में एक मकान को अवैध निर्माण बताकर कलकत्ता हाइकोर्ट में पिछले दिनों एक याचिका दायर की गयी थी. मामले की जांच शुरू होने के बाद कोर्ट को पता चला कि इस इलाके में सैकड़ों अवैध निर्माण हुए हैं और ये सभी निर्माण जलीय भूमि पर हैं.
कोर्ट के समक्ष पेश हुई रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस जलीय भूमि में मकान और बहुमंजिली इमारत ही नहीं, बल्कि निजी स्कूल, कॉलेज और कई कारखानों का भी निर्माण हुआ है.
पिछले दिनों मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने सभी अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने का आदेश दिया था और साथ ही बिजली कनेक्शन को डिस्कनेक्ट करने का फैसला सुनाया था. कोर्ट के इस फैसले के बाद फिर से इस मामले को लेकर एक याचिका कोर्ट में दायर की गयी. याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि प्रशासन चुनिंदा तरीके से कुछ मकानों को तोड़ रही है. बाकी अवैध निर्माण पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. कोर्ट ने इस मामले में उचित कार्रवाई करने का फैसला सुनाया है. इस मामले की अगली सुनवाई पांच मई को होगी.
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