कोलकाता.
राज्य सरकार की ओर से विभिन्न श्रेणियों के तहत विभिन्न दुर्गा पूजा समितियों को ‘विश्व बांग्ला शारद सम्मान 2025’ से सम्मानित किया जायेगा. शनिवार को राज्य के सूचना व संस्कृति राज्य मंत्री इंद्रनील सेन ने पूजा पंडाल के नामों की घोषणा की. प्रदर्शन पर सौंदर्य और रचनात्मकता को मान्यता देते हुए 24 पूजा-पंडालों को ‘सेरार सेरा’ (सर्वश्रेष्ठ में सर्वश्रेष्ठ) श्रेणी के तहत पुरस्कार दिया गया. इसके अलावा सेरा साबेकी पूजा श्रेणी में 12, सेरा मंडप की श्रेणी में 13, सेरा प्रतिमा की श्रेणी में सात, सेरा थीम की श्रेणी में 17, सेरा पर्यावरण बंधु की श्रेणी में 14 व विशेष पुरस्कार की श्रेणी में 26 व विश्व बांग्ला पूजा सेरा एल्बम की श्रेणी में एक पूजा कमेटी को पुरस्कार प्रदान किया गया.बताया गया है कि विभिन्न श्रेणियों में कुल 114 पूजा पंडालों को पुरस्कार प्रदान किया गया है. कोलकाता, हावड़ा और आसपास के इलाकों की पूजा समितियों को भी पुरस्कार दिये गये हैं. राज्य के अन्य 22 जिलों की पूजा समितियों को भी सर्वश्रेष्ठ पूजा, सर्वश्रेष्ठ मूर्ति, सर्वश्रेष्ठ पंडाल और सर्वश्रेष्ठ सामाजिक जागरूकता श्रेणी के तहत ‘विश्व बांग्ला शरद सम्मान 2025’ से सम्मानित किया गया है. पश्चिम बंगाल के सूचना व सांस्कृतिक मामलों के विभाग द्वारा जारी किये गये बयान में बताया गया कि बालीगंज कल्चरल एसोसिएशन, ताला प्रत्यय, सुरुचि संघ, बेहला नतून दल, 95 पल्ली, अलीपुर सार्वजनिन, हाथीबागान सार्वजनिन और बरिशा क्लब को ‘सेरार सेरा’ पुरस्कार दिया गया.
बागबाजार सार्वजनिन, एकडालिया एवरग्रीन और मुदियाली क्लब सहित अन्य पूजा-पंडालों को ‘सेरा साबेकी पूजा’ (सर्वश्रेष्ठ पारंपरिक पूजा) पुरस्कार दिया गया. सर्वश्रेष्ठ प्रतिमा, सर्वश्रेष्ठ मंडप, सर्वश्रेष्ठ विचार और सर्वश्रेष्ठ पर्यावरण-अनुकूल पूजा के लिए भी पुरस्कार दिये गये.खिदिरपुर के 74 पल्ली सार्वजनिन दुर्गोत्सव, मोहम्मद अली पार्क के यूथ एसोसिएशन सहित सात समितियों को सर्वश्रेष्ठ मूर्ति का पुरस्कार मिला, जबकि सर्वश्रेष्ठ पर्यावरण-अनुकूल पूजा-पंडाल का पुरस्कार 17 पूजा समितियों को मिला. राज्य सरकार पांच अक्तूबर को पूजा कार्निवल का आयोजन करेगी, जिसमें महानगर व आसपास की पूजा समितियां अपने रचनात्मक कार्य दिखायेंगी.
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