छात्रा फिर पहुंची हाइकोर्ट हाइकोर्ट ने 25 तक छात्रा की ओरिजनल उत्तर पुस्तिका अदालत में पेश करने को कहा हुगली. जिले के आरामबाग स्थित अलीपुर संतोष सामान्य विद्यापीठ की छात्रा दिशानी हाजरा ने आरोप लगाया है कि उसकी माध्यमिक परीक्षा (2023) के अंक जान-बूझकर कम कर दिये गये. उसका दावा है कि इस वजह से मात्र दो अंकों के अंतर से वह राज्य में 10वां स्थान पाने से चूक गयी. 700 अंकों की परीक्षा में दिशानी को 681 अंक मिले थे, जबकि उस वर्ष 10वें स्थान पर रही छात्रा के 683 अंक थे. दिशानी का कहना है कि उत्तर पुस्तिका की प्रति मिलने के बाद उसने पाया कि परीक्षक ने सही उत्तर के लिए पहले अंक दिचे थे, लेकिन बाद में ओवरराइट कर अंक घटा दिये गये. इस मामले में उसने पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा परिषद के खिलाफ सीबीआइ जांच की मांग करते हुए हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. न्यायमूर्ति तपोब्रत चक्रवर्ती की डिविजन बेंच में सुनवाई के दौरान दिशानी के वकील आशीष कुमार चौधरी ने कहा कि सही उत्तर देने के बावजूद उसे उचित अंक नहीं मिले, जिससे उसकी मेरिट लिस्ट में जगह बन पाने की संभावना खत्म हो गयी. दूसरी ओर, परिषद के वकील ने कहा कि बोर्ड के लिए यह पता लगाना संभव नहीं है कि ऐसा कैसे हुआ. अदालत ने निर्देश दिया कि आरोप की सच्चाई की जांच के लिए परिषद को 25 अगस्त तक दिशानी हाजरा की ओरिजनल उत्तर पुस्तिका अदालत में जमा करनी होगी.
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