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प्रदर्शनकारी शिक्षकों से मिले पूर्व जस्टिस व भाजपा सांसद अभिजीत गांगुली

अभिजीत गांगुली ने इस परिस्थिति के लिए राज्य प्रशासन और उसकी अधीनस्थ संस्थाओं को दोषी ठहराया

कोलकाता. गुरुवार को पूर्व जस्टिस व भाजपा सांसद अभिजीत गांगुली ने एसएससी कार्यालय के सामने अनशन कर रहे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों के साथ मुलाकात की. उनके अलावा पूर्व सांसद रूपा गांगुली, भाजपा के सांस्कृतिक सेल के संयोजक रूद्रनील घोष सहित अन्य भाजपा नेता भी वहां पहुंचे. प्रदर्शनकारियों से मिलने के बाद पूर्व जस्टिस अभिजीत गांगुली ने इस परिस्थिति के लिए राज्य प्रशासन और उसकी अधीनस्थ संस्थाओं को दोषी ठहराया. पूर्व जस्टिस अभिजीत गांगुली ने कहा कि बुधवार को कसबा में हुए प्रदर्शन को लेकर पुलिस ने प्रदर्शनकारी शिक्षकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, लेकिन ऐसा नहीं किया जाना चाहिए था. भाजपा सांसद ने कहा कि दूसरों के अवैध कृत्यों के कारण अपनी नौकरी गंवाने वाले निर्दोष शिक्षकों के खिलाफ मामले दर्ज किये गये हैं. उन्होंने कहा कि वह पुलिस कार्रवाई के विरोध में बुधवार को शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु से मिलने नहीं गये थे, लेकिन भाजपा नेतृत्व उनके निर्णय में उनके साथ है. श्री गांगुली ने कहा कि वह पूर्व राज्यसभा सांसद रूपा गांगुली के साथ आचार्य सदन स्थित धरना स्थल पर नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों के प्रति एकजुटता व्यक्त करने आये थे. जस्टिस गांगुली ने ही नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द करने का दिया था आदेश : कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अभिजीत गांगुली ने नवंबर 2021 में नियुक्ति प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं की सीबीआइ जांच का आदेश दिया था. उन्होंने नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितताएं पाये जाने के बाद पश्चिम बंगाल के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की लगभग 26 हजार नियुक्तियों को समाप्त करने का भी आदेश दिया था. इस आदेश को उच्च न्यायालय की खंडपीठ और उसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने भी बरकरार रखा. उच्चतम न्यायालय ने तीन अप्रैल को कलकत्ता हाइकोर्ट के वर्ष 2024 के उस फैसले को बरकरार रखा था, जिसमें 2016 में एसएससी द्वारा की गयी नियुक्ति प्रक्रिया के तहत नियुक्त किये गये 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती को रद्द कर दिया गया था. न्यायालय ने पूरी चयन प्रक्रिया को “दोषपूर्ण और भ्रष्ट” करार दिया था. इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) और प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है, जो भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं के समय राज्य के एसएससी में जिम्मेदार पदों पर कार्यरत थे.

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