10 मार्च को पांच ट्रेनें अलार्म चेन खींचे जाने के कारण देरी से रवाना हुईंश्रीकांत शर्मा, कोलकाता.
आये दिन ट्रेनों में ट्रेन अलार्म चेन खींचने (एसीपी) के मामले देखे जाते हैं. इस प्रकार की घटनाओं के कारण मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें एक ही स्टेशन पर कई-कई बार रुक जाती हैं. कुछ यात्रियों द्वारा किये गये इस गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार से हजारों यात्री हैरान-परेशान होते हैं. ऐसे में ट्रेनों का घंटों लेट होना लाजिमी है. हालांकि आरपीएफ ऐसी घटनाओं से कड़ाई से निपट रही है.
पूर्व रेलवे द्वारा मिली जानकारी के अनुसार मात्र दो माह में 900 बार ट्रेनों का अलार्म चेन खींचने के मामले दर्ज हुए. आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष एक जनवरी से 10 मार्च तक, पूर्व रेलवे में 872 बार ट्रेनों का अलार्म चेन पुलिंग किया गया. आरपीएफ ने ऐसे मामलों में कार्रवाई करते हुए 803 व्यक्तियों को हिरासत में भी लिया. इनमें से सबसे ज्यादा मामले 281 हावड़ा डिवीजन में देखे गये. जबकि सियालदह मंडल की 48 ट्रेनों को चेन खींचकर रोक दिया गया. आसनसोल में 276 मामले और मालदा में 267 मामले दर्ज किये गये. अलार्म चेन पुलिंग करने की इतनी बड़ी संख्या से यह दर्शाती है कि आखिर ट्रेनें क्यों देरी से रवाना होती हैं.
कई बार बेवजह होता है एसीपी : जानकारों की मानें तो यह देखा गया है कि अधिकांश मामलों में अलार्म चेन बिना किसी वैध कारण के खींची गयी है. कुछ लोग चेन खींचने की वजह अपने रिश्तेदारों के समय पर स्टेशन पर नहीं पहुंचे को कारण बताते हैं. हद तो तब हो जाती है जब कई बार ट्रेन को उन स्थानों पर चेन खींच कर रोक दिया जाता है जहां ट्रेन का ठहराव नहीं है. ट्रेन रोककर वह अपने गांव की तरफ चलते बनते हैं. लोगों का यह गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है.
10 मार्च को पांच ट्रेनों का अलार्म खींचा गया : रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 10 मार्च को पूर्व रेलवे की पांच लंबी दूरी की ट्रेनों में चेन खींचने की घटनाएं हुईं. इसमें 13181 अप काजीरंगा एक्सप्रेस, 13287 अप साउथ बिहार एक्सप्रेस, 13185 अप गंगासागर एक्सप्रेस, 13121 अप कोलकाता-गाजीपुर सिटी साप्ताहिक एक्सप्रेस और 13005 अप हावड़ा-अमृतसर मेल हैं. उक्त ट्रेनों के अलार्म चेन खींचने (एसीपी) से उन्हें अपने समय से देरी से रवाना होना पड़ा.
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