कोलकाता: देह व्यापार के लिए तस्करी का शिकार हुई और यह पेशा छोडने की इच्छा रखने वाली महिलाओं के पुनर्वास के लिए पश्चिम बंगाल सरकार इस महीने एक आजीविका कार्यक्रम शुरु करेगी. ‘मुक्तीर आलोह्ण’ (आजादी का प्रकाश) नामक परियोजना के तहत तस्करी का शिकार हुई 50 महिलाओं के पहले बैच को मसाला पीसने और ब्लॉक […]
कोलकाता: देह व्यापार के लिए तस्करी का शिकार हुई और यह पेशा छोडने की इच्छा रखने वाली महिलाओं के पुनर्वास के लिए पश्चिम बंगाल सरकार इस महीने एक आजीविका कार्यक्रम शुरु करेगी.
‘मुक्तीर आलोह्ण’ (आजादी का प्रकाश) नामक परियोजना के तहत तस्करी का शिकार हुई 50 महिलाओं के पहले बैच को मसाला पीसने और ब्लॉक प्रिंटिंग जैसे पेशेवर कौशल में प्रशिक्षित किया जायेगा.
राज्य महिला कल्याण मंत्री शशि पांजा कहती हैं कि धीरे धीरे वे महिलाएं भी इस कार्यक्रम से जुड सकेंगी जो देह व्यापार में शामिल हैं लेकिन इस पेशे को छोडना चाहती हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस महीने किसी सरकारी महिला शरण स्थल में इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगी. नौ महीने के इस प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को शरण स्थल में खाने और रहने की मुफ्त सुविधाओं के अलावा 2500 रपए मासिक वेतन भी दिया जायेगा.