कोलकाता : सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ को सारधा के साथ ही अन्य चिटफंड कंपनियों की जांच का निर्देश दिया है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने अब सारधा के अतिरिक्त दूसरी कंपनियों पर भी कार्रवाई शुरू कर दी है. सोमवार को सीबीआइ अधिकारियों ने विन रियेलकॉन नाम की एक चिटफंड कंपनी के पांच निदेशकों को गिरफ्तार कर लिया. महितोष गांगुली, पार्थ प्रतीम रॉय, राजू दे, जय भौमिक और राजीव देबनाथ को गिरफ्तार किया गया है.
इन्हें उत्तर 24 परगना व कोलकाता के विभिन्न ठिकानों से गिरफ्तार किया गया. हाल में इस कंपनी पर छापे मारे गये थे. जांच में पता चला है कि कंपनी ने लोगों से करोड़ों रुपये वसूले. बाद में कंपनी बंद हो गयी. गिरफ्तार निदेशकों से पूछताछ जारी है. सीबीआइ अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही राज्य की कुछ और चिटफंड कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
बैंक ने सीबीआइ को तृणमूल के 21 खातों की जानकारी सौंपी
कोलकाता : दक्षिण कोलकाता के एक बैंक ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के 21 खातों की जानकारी सीबीआइ को सौंप दी. बैंक के सीनियर मैनेजर ने सीबीआइ दफ्तर जाकर सौ पन्ने में तृणमूल के बैंक खातों का ब्योरा जांच एजेंसी को सौंपा. सीबीआइ सूत्रों की तरफ से बताया जा रहा है कि इन कागजातों में मिली जानकारी की बारीकी से जांच होगी. जांच के बाद सीबीआइ सारधा मामले से कथित रूप से जुड़े कुछ प्रमुख नेताओं के खिलाफ आगे की कार्रवाई करेगी.
गौरतलब है कि सीबीआइ सारधा घोटाले की जांच कर रही है. इस सिलसिले में सीबीआइ को तणमूल कांग्रेस से मिले कागजात की जांच में पार्टी के कुछ बैंक अकाउंट में हुई लेनदेन पर शक हुआ था. इसी के मद्देनजर हाल में दक्षिण कोलकाता के एक बैंक से जांच एजेंसी तृणमूल 21 खातों की जानकारी मांगी थी.