21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

राज्य में क्यों नहीं है फैमिली कोर्ट : हाइकोर्ट

कोलकाता : अपने बेटे से मिलने के लिए एक व्यक्ति की याचिका पर आश्चर्य प्रकट करते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन व न्यायाधीश अरिजीत बंद्योपाध्याय की खंडपीठ ने सवाल किया कि क्या राज्य में कोई फैमिली कोर्ट नहीं है? खंडपीठ का कहना था कि राज्य में परिवार संबंधी इतने मामले दायर होते […]

कोलकाता : अपने बेटे से मिलने के लिए एक व्यक्ति की याचिका पर आश्चर्य प्रकट करते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन व न्यायाधीश अरिजीत बंद्योपाध्याय की खंडपीठ ने सवाल किया कि क्या राज्य में कोई फैमिली कोर्ट नहीं है? खंडपीठ का कहना था कि राज्य में परिवार संबंधी इतने मामले दायर होते हैं, फैमिली कोर्ट रहने की स्थिति में उनका जल्द निबटारा हो सकता है.

दूसरे राज्यों में निश्चित तादाद में फैमिली कोर्ट हैं, फिर बंगाल इसका अपवाद क्यों है? मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में एक पारिवारिक मामले की सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील शुभाशीष दासगुप्ता ने कहा कि हावड़ा के रहनेवाले एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ एक स्कूल शिक्षिका की शादी 12 वर्ष पहले हुई थी.

हालांकि पारिवारिक कलह की वजह से दोनों एकसाथ नहीं रहते. उनके तलाक का मामला भी विचाराधीन है. 2017 से उक्त सॉफ्टवेयर इंजीनियर घर से बाहर रहने को मजबूर है. इतने वर्षों से वह घर का ऋण भी चुका रहा है, लेकिन उसे अपने बेटे से मिलने नहीं दिया जा रहा है. बेटे से मिलने के लिए उसने अदालत में याचिका दायर की है.

हाइकोर्ट ने याचिकाकर्ता को हावड़ा जिला अदालत में याचिका दायर करने के लिए कहा है. साथ ही मामले के जल्द निपटारे के लिए जिला अदालत को एक महीने का वक्त दिया है. अदालत सूत्रों के मुताबिक केवल कोलकाता नगर दायरा अदालत में फैमिली कोर्ट या पारिवारिक अदालत है. अन्य जिलों में यह नहीं है. अन्य जिलों के लोगों को इससे भारी समस्या होती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें