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सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें फैलानेवालों पर नजर

पकड़े जाने पर तीन वर्ष तक की हो सकती है सजा, 10 से 25 हजार रुपये तक जुर्माना भी विभिन्न वाट्सऐप ग्रुप व फेसबुक में निगरानी कर तीन हजार पोस्ट हटा चुकी है पुलिस कोलकाता : राज्यभर में नागरिकता संशोधित कानून (सीएए) और प्रस्तावित एनआरसी के खिलाफ चार दिनों तक हुए हिंसक आंदोलन के बीच […]

पकड़े जाने पर तीन वर्ष तक की हो सकती है सजा, 10 से 25 हजार रुपये तक जुर्माना भी

विभिन्न वाट्सऐप ग्रुप व फेसबुक में निगरानी कर तीन हजार पोस्ट हटा चुकी है पुलिस
कोलकाता : राज्यभर में नागरिकता संशोधित कानून (सीएए) और प्रस्तावित एनआरसी के खिलाफ चार दिनों तक हुए हिंसक आंदोलन के बीच सोशल साइट पर लगातार आ रहे भड़काऊ पोस्ट पर पुलिस लगातार नजर रखी हुई है. राज्य पुलिस की तरफ से हिंसा फैलाने के आरोप में 360 से अधिक आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
दावा किया जा रहा था कि राज्य के कुछ जिलों में कुछ शरारती तत्व विरोध के नाम पर तांडव मचा कर सरकारी संपत्ति को नष्ट कर रहे हैं. इसमें कई तरह के वीडियो, फोटो और लिखित पोस्ट सोशल मीडिया में अपलोड किये जा रहे हैं, जिससे हिंसा फैलने का खतरा बना रहता है.
अब तक ऐसे 3000 पोस्ट को हटा चुकी है पुलिस
बुधवार को कोलकाता पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि महज तीन दिनों के दौरान सोशल साइट फेसबुक व विभिन्न वाट्सऐप ग्रुप से 3000 भड़काऊ पोस्ट हटाये गये हैं. लालबाजार के एक अधिकारी ने बताया कि कोलकाता पुलिस की तरफ से साइबर क्राइम शाखा इस पर निगरानी रख रही है. जिन लोगों को वाट्सऐप में ऐसे मैसेज को फैलाते पाया जा रहा है, उन्हें चेतावनी दी जा रही है.
किसी भी तरह की दुविधा हो तो पुलिस से पूछने का आवेदन
कोलकाता पुलिस की तरफ से अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (1) अतिरिक्त भार (मुख्यालय) जावेद शमीम ने कहा कि सोशल मीडिया पर किसी भी तरह के भड़काऊ पोस्ट करने से बचें. कोलकाता पुलिस ऐसा करनेवालों पर निगरानी रख रही है. सोशल मीडिया पर आये किसी भी पोस्ट की सच्चाई के बारे में कुछ भी पूछना हो तो वह 100 नंबर पर फोन कर पुलिस से इस बारे में पूछ सकते हैं. पुलिस उस भ्रामक पोस्ट की हकीकत बयां कर देगी.
तीन वर्ष तक हो सकती है सजा, 10 से 25 हजार रुपये तक जुर्माना भी
कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (अपराध ) मुरलीधर शर्मा ने बताया कि भ्रामक खबरें फैलानेवालों के खिलाफ पुलिस आइटी एक्ट के तहत शिकायत दर्ज कर आरोपी पर कार्रवाई करती है. इस तरह के मामलों में गिरफ्तार होने पर आरोपी के लिए तीन वर्ष तक सजा का प्रावधान है. आरोपी को 10 से 25 हजार रुपये तक जुर्माना भी चुकाना पड़ता है. गत वर्ष इस ऐसे जिन मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, उन पर अदालत में सुनवाई चल रही है.

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