17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आंदोलन का अभाव बना हार का कारण

कोलकाता : विधानसभा उपचुनाव में मिली हार के बाद शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष की अध्यक्षता में प्रदेश के नेताओं की बैठक हुई, जहां हार के कारणों पर चर्चा हुई. नतीजा एक तरह से आसमान से जमीन पर पटकनेवाला रहा. लोकसभा चुनाव में व्यापक सफलता हासिल करने के बाद मिली हार पर चर्चा करते […]

कोलकाता : विधानसभा उपचुनाव में मिली हार के बाद शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष की अध्यक्षता में प्रदेश के नेताओं की बैठक हुई, जहां हार के कारणों पर चर्चा हुई. नतीजा एक तरह से आसमान से जमीन पर पटकनेवाला रहा. लोकसभा चुनाव में व्यापक सफलता हासिल करने के बाद मिली हार पर चर्चा करते हुए नेताओं ने हार के कारणों की व्याख्या अपने अपने स्तर से किया.

इसमें एनआरसी, गुटबाजी और नेताओं के गुरूर को हार का जिम्मेवार ठहराया है. उल्लेखनीय है कि लोकसभा में 18 सीटें जीत कर भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस को दहशत में ला दिया था. स्थिति से निपटने के लिए तृणमूल कांग्रेस ने प्रशांत किशोर की टीम का सहारा लिया.
बैठक की बात को नेता सार्वजनिक करने को तैयार नहीं हैं, लेकिन संवाददाता सम्मेलन में दिलीप घोष ने कहा कि चुनाव जीतने के लिए उन लोगों को जो करना था सब किया, लेकिन प्रशासनिक षडयंत्र और लोगों को दहशत में करने के बाद तृणमूल कांग्रेस एनआरसी के मुद्दे पर प्रशासन का इस्तेमाल करके लोगों को गुमराह करने में सफल रही. तृणमूल कांग्रेस की इस साजिश का वह लोग काट नहीं निकाल पाये. इससे उन लोगों को सीख मिली है.
बैठक में प्रदेश नेतृत्व पार्टी के अंदर गुटबाजी और षडयंत्र के साथ सांगठनिक दुर्बलता को भी स्वीकार कर रहे हैं. खुद पूर्व सांसद अनुपम हाजरा ने सोशल मंच पर साफ कहा कि पार्टी के अंदर नये व पुराने की लड़ाई का असर संगठन पर पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में हमें एक दूसरे का हाथ पकड़ कर पार्टी के हित में काम करने की जरूरत है.
इधर पुराने कार्यकर्ताओं और नेताओं का कहना है कि पार्टी के अंदर दूसरी पार्टी से आने वाले लोग सर्वेसर्वा बन जा रहे हैं.चंद्र बसु ने भी कहना शुरू कर दिया है कि एनआरसी व धर्म की राजनीति के आधार पर पार्टी बंगाल में नहीं बढ़ सकती है. आंदोलन नहीं करने से सफलता नहीं मिलेगी. हमलोगों को आम लोगों के साथ रहना होगा.हालांकि प्रदेश के नेताओं का मानना है कि वह लोग भाजपा की लहर से जीत जायेंगे. यह बंगाल में संभव नहीं है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें