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16 साल बाद 72 साल की वृद्धा हुई रिहा

पति की हत्या के आरोप में 16 साल से जेल में बंद थी कलकत्ता हाइकोर्ट ने सुनाया फैसला कोलकाता : अपने पति की हत्या के आरोप में 16 साल तक जेल में रहनेवाली 72 साल की महिला को कलकत्ता हाइकोर्ट ने बरी कर दिया. फैसला सुनाते हुए हाइकोर्ट के जज ने कहा कि यह पूर्व […]

पति की हत्या के आरोप में 16 साल से जेल में बंद थी

कलकत्ता हाइकोर्ट ने सुनाया फैसला
कोलकाता : अपने पति की हत्या के आरोप में 16 साल तक जेल में रहनेवाली 72 साल की महिला को कलकत्ता हाइकोर्ट ने बरी कर दिया. फैसला सुनाते हुए हाइकोर्ट के जज ने कहा कि यह पूर्व नियोजित नहीं, बल्कि गैरइरादतन हत्या थी, इसलिए इसे हत्या की श्रेणी में नहीं रखा जायेगा.
घटना 23 सितंबर 1996 की है जब कविता और उनके पति तापस के बीच हुगली के गोलतुली इलाके स्थित दो मंजिला घर में किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया. दोनों के बीच अक्सर विवाद होता था.
उस रात नशे में चूर तपस ने कविता पर हमला कर दिया. कविता के वकील जयंत नारायण चटर्जी के अनुसार, कविता ने उसे रोकने की कोशिश की और मदद के लिए चिल्लाया. इसके बाद उनके बेटे मृगांक, जो उस वक्त अपने दो दोस्तों के साथ घर पर था, उसने बांस की छड़ी और पेचकस से तापस पर हमला कर दिया. इस मामले में कविता दोषी पायी गयी और उन्हें 2004 में जेल भेज दिया गया.
कविता ने इसी वर्ष अदालत के सामने सजा कम करने के लिए एक याचिका दायर की थी. इस केस में एक एनजीओ ने दिलचस्पी दिखायी और हाइकोर्ट के सामने मामला रखा. सोमवार को जस्टिस जॉयमाल्य बागची और शुभ्रा घोष की पीठ ने कविता की सजा को कम करते हुए उन्हें रिहा कर दिया. बेंच का कहना था कि कविता ने 16 साल जेल में बिताने के साथ ही अपनी सजा पूरी कर ली. बेंच ने कविता की उम्र का हवाला दिया और कहा कि वह पेशेवर अपराधी नहीं है.

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