कोलकाता : पार्श्व शिक्षकों द्वारा दायर मामले की सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हमेशा धारा 144 के नाम पर सभा को रोका नहीं जा सकता. पार्श्व शिक्षकों की सभा के संबंध में याचिकाकर्ताओं को बुधवार सुबह 11 बजे पुलिस उपायुक्त के साथ बातचीत करके सभा की अवधि व लोगों की संख्या बताने का निर्देश न्यायाधीश देवांशु बसाक ने दिया है.
याचिकाकर्ताओं द्वारा जानकारी मिलने के बाद ही सभा स्थल के संबंध में पुलिस उपायुक्त फैसला करेंगे. उल्लेखनीय है कि आगामी 11 नवंबर को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विकास भवन के सामने धरना-प्रदर्शन की अनुमति न मिलने पार्श्व शिक्षकों के संगठन ने कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी.
मामले की सुनवाई में राज्य सरकार के वकील अर्क नाग ने कहा कि प्रस्तावित सभा स्थल के सामने विकास भवन, जल संपदा भवन सहित कई कार्यालय व अस्पताल रहने की वजह से वहां धारा 144 लागू है. इसीलिए अनुमति नहीं दी गयी. इस पर अदालत का कहना था कि विकास भवन के गेट से 150 फुट दूर सभा होने पर क्यों समस्या होगी? राज्य के संबंध में उनका यह भी कहना था कि हमेशा धारा 144 के नाम पर किसी सभा को रोका नहीं जा सकता.
सरकारी वकील का कहना था कि सभा कितने समय के लिए होगी, कितने लोग इकट्ठा होंगे यह स्पष्ट नहीं किया गया है. इसके अलावा इलाके में केवल विकास भवन ही नहीं है. कई सरकारी कार्यालय व अस्पताल वहां हैं. इसलिए वह प्रस्ताव देते हैं कि विधाननगर पुलिस कमिश्नरेट में पुलिस उपायुक्त से मिलकर सभा की विस्तृत जानकारी देकर आवेदन याचिकाकर्ता करें. इसके बाद ही न्यायाधीश ने उक्त आदेश दिया.
