कोलकाता : राज्यपाल जगदीप ध नखड़ ने फिर राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए प्रशासन की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाये हैं. श्री धनखड़ ने ट्वीट करते हुए कहा कि बतौर राज्यपाल वह दुखी और चिंतित हैं. वह शिक्षाविदों, राजनेताओं, कार्यकर्ताओं से गंभीर प्रशासनिक मुद्दों पर विचार करने का आग्रह करते हैं.
उनके उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिले के दौरे के दौरान संबंधित डीएम ने हालात स्पष्ट किये हैं. इसके साथ ही श्री धनखड़ ने दोनों डीएम द्वारा भेजे गये पत्रों को भी ट्वीट में संलग्न किया है. पत्र में देखा जा सकता है कि डीएम ने जन प्रतिनिधियों व राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों को राज्यपाल के साथ परिचर्चा सत्र में बुलाने में असमर्थता जतायी है. डीएम का कहना है कि इसके लिए उन्हें राज्य सरकार की अनुमति की जरूरत है.
एक अन्य ट्वीट में श्री धनखड़ ने कहा कि उनके उत्तर व दक्षिण 24 परगना के दौरे के दौरान वह कई मेधावी युवा अधिकारियों से मिले जिनके पास भविष्य को संवारने की काबिलियत है. उन्होंने उन्हें इसके लिए बधाई भी दी. हालांकि उक्त अधिकारी किसी प्रकार की जानकारी देने में असमर्थ थे. उनकी प्रतिभा को निखारने के लिए सही माहौल की जरूरत है.
राज्यपाल के काम करने से राज्य सरकार को हो रहा कष्ट
कोलकाता. प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने राज्यपाल को सीआरपीएफ की सुरक्षा दिये जाने पर राज्य सरकार द्वारा सवाल उठाये जाने पर सवाल किया है. श्री घोष ने कहा कि राज्यपाल काम कर रहे हैं. इसी कारण राज्य सरकार को कष्ट हो रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पांच वर्षों से आरपीएफ की सुरक्षा ली थी, तो अब जब राज्यपाल सीआरपीएफ की सुरक्षा ले रहे हैं, तो फिर राज्य सरकार को क्यों आपत्ति हो रही है.
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता और कार्यकर्ता राज्य पुलिस की सुरक्षा नहीं लेते हैं, क्योंकि राज्य पुलिस के जवानों के सामने ही उनके कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गयी. उनके घरों में तोड़फोड़ की गयी. राज्य पुलिस पर उन्हें भरोसा नहीं है. इस कारण ही उनलोगों के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी है.
राज्य की कानून व्यवस्था की हालत क्या है, राज्यपाल की सुरक्षा से साबित होता है : सुजन चक्रवर्ती
कोलकाता. विधानसभा में वाममोर्चा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ की सुरक्षा को लेकर चिंता जतायी है. उन्होंने कहा है कि राज्यपाल का पद संवैधानिक पद है. उन्हें सुरक्षा देने का काम राज्य सरकार का है. ऐसे में अगर राज्यपाल को केंद्रीय सुरक्षा लेनी पड़ रही है, तो इससे पता चलता है कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की क्या हालत है. हालांकि राज्य की बदहाल कानून व्यवस्था का मुद्दे वे लोग काफी पहले से उठाते आ रहे हैं.
राज्यपाल की सुरक्षा का मामला उनके आरोपों को सही बताता है. सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि राज्यपाल के साथ राज्य सरकार के विभिन्न मंत्रियों के बीच टकराव यह साबित करता है कि यहां सबकुछ सही नहीं चल रहा है. हालांकि राज्यपाल केंद्र के प्रतिनिधि हैं, उनकी कुछ जिम्मवारी होती है. इसका पालन राज्यपाल को करना होता है. अब अगर कोई राज्यपाल के कामकाज में बाधा पहुंचाये, तो यह सही नहीं है.
