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राज्य में पूजा पंडालों के उद्घाटन में हावी रही राजनीति

हर दिन कम से कम 11-12 पूजा मंडपों का उद्घाटन कर रहीं सीएम भाजपा भी पीछे नहीं कोलकाता : राज्य की दुर्गा पूजा न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में राज्य की वैश्विक सांस्कृतिक पहचान बन चुकी है. मां की विशालकाय प्रतिमाएं और तमाम तरह के सामाजिक संदेशों को समेटकर बनायी गयी थीम पूरी दुनिया […]

हर दिन कम से कम 11-12 पूजा मंडपों का उद्घाटन कर रहीं सीएम

भाजपा भी पीछे नहीं
कोलकाता : राज्य की दुर्गा पूजा न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में राज्य की वैश्विक सांस्कृतिक पहचान बन चुकी है. मां की विशालकाय प्रतिमाएं और तमाम तरह के सामाजिक संदेशों को समेटकर बनायी गयी थीम पूरी दुनिया को आकर्षित करती है.
2019 का लोकसभा चुनाव बीता है और पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हालात आश्चर्यजनक तौर पर बदले हैं. पिछले 70 वर्षों से राजनीतिक तौर पर बंगाल के लिए अछूत रही भाजपा इस बार राज्य की 42 में से 18 सीटों पर कब्जा जमा कर राज्य में सत्ता का विकल्प बन चुकी है. चुनाव परिणाम का असर दुर्गा पूजा पंडालों के उद्घाटन पर भी स्पष्ट रूप से दिख रहा है.
राज्य में कमोबेश 30 हजार दुर्गा पूजा होती है, जिनमें से अधिकतर पूजा समितियों के प्रमुख सत्तारूढ़ तृणमूल के स्थानीय नेता हैं. इसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लेकर उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी, पार्थ चटर्जी, फिरहाद हकीम, मंत्री सुब्रत मुखर्जी सहित अन्य बड़े नेता शामिल हैं. पूजा पंडालों के उद्घाटन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शीर्ष पर हैं. महालया के एक दिन पहले से ही मुख्यमंत्री भी विभिन्न दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन कर रही हैं. हर दिन वह कम से कम 11-12 पूजा पंडालों का उद्घाटन कोलकाता, हावड़ा और आसपास के क्षेत्रों में कर रही हैं.
लेकिन भाजपा भी उद्घाटन की राजनीति में पीछे नहीं रहना चाहती है. एक अक्तूबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने साॅल्टलेक में एक पूजा पंडाल का उद्घाटन कर शुरुआत की थी. उसके बाद से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष सहित अन्य नेता लगातार पूजा पंडालों का उद्घाटन कर रहे हैं.
दिलीप घोष के अलावा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य मुकुल राय, राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा और प्रदेश प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय को भी मैदान में उतरना पड़ा. श्री घोष ने पिछले दो दिनों तक कोलकाता व आसपास के इलाकों में पूजा पंडाल का उद्घाटन किया, जबकि गुरुवार को पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा, पुरुलिया आदि के क्षेत्रों में भी उद्घाटन किया. दोनों ही पार्टियों ने अपने अपने स्थानीय नेताओं को निर्देश दे दिया है कि दुर्गापूजा के समय अपने-अपने क्षेत्रों के पूजा पंडालों में मौजूद रहे.
वहां आनेवाले लोगों से संपर्क कर उन्हें पार्टी के कार्यों से अवगत कराया जाये, ताकि लोग जुड़ें. पार्टी के राज्य सचिव राजू बनर्जी के हाथों भी कई पूजा पंडालों का उद्घाटन हो रहा है. इसी तरह से तृणमूल कांग्रेस के बड़े नेताओं ने भी विभिन्न क्षेत्रों में पूजा उद्घाटन की शुरुआत की है. कुल मिलाकर कहा जाये, तो दुर्गापूजा पंडाल राज्य में राजनीतिक वर्चस्व की धुरी बनते जा रहे हैं.

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