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RSS ने बंगाल में बढ़ायी शक्ति, शाखा संगठन ने एक साथ लगाये 105 स्वास्थ्य शिविर

कोलकाता : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटा हुआ है. आरएसएस के शाखा संगठन नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन (एनएमओ) ने उत्तर बंगाल और दक्षिण बंगाल में एक साथ 105 स्वास्थ्य शिविर लगा कर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया. एनएमओ के राज्य अध्यक्ष डॉ प्रभात सिंह ने प्रभात […]

कोलकाता : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने में जुटा हुआ है. आरएसएस के शाखा संगठन नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन (एनएमओ) ने उत्तर बंगाल और दक्षिण बंगाल में एक साथ 105 स्वास्थ्य शिविर लगा कर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया.

एनएमओ के राज्य अध्यक्ष डॉ प्रभात सिंह ने प्रभात खबर को बताया कि राज्य में पहली बार एक साथ 105 स्थानों पर स्वास्थ्य शिविर लगाये गये हैं. ये शिविर बेलपहाड़ी, जंगलमहल सहित दूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में भी लगाये गये थे. स्वास्थ्य शिविर में कुल 12037 रोगियों को नि:शुल्क चिकित्सा लाभ दी गयी तथा नि:शुल्क दवाइयों का वितरण किया गया.

स्वास्थ्य शिविर के आयोजन में 327 डॉक्टरों ने अपनी सेवाएं दीं. डॉक्टरों में स्पेशलिस्ट, सुपर स्पेशलिस्ट, डेंटल सर्जन, नेत्र विशेषज्ञ सहित अन्य डॉक्टर शामिल थे. उन्होंने कहा कि गरीब लोगों को चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के लिए यह प्रयास किया गया. इस सेवा शिविर में न केवल रोगियों का इलाज किया गया, बल्कि विभिन्न बीमारियों को लेकर आम लोगों में जागरूकता भी फैलायी गयी.
जैसे डेंगू, मलेरिया आदि से बचने के लिए क्या करना चाहिए अथवा प्रेशर व सुगर के रोगी यदि नियमिति रूप से दवा का सेवन करें, तो हर्ट अटैक, किडनी की बीमारी, पक्षाघात जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है. डॉ सिंह ने बताया कि इस अवसर पर नेत्र परीक्षा शिविर का भी आयोजन किया गया था.
बेलपहाड़ी में नेत्र परीक्षा शिविर का आयोजन किया गया तथा नि:शुल्क दवाइयां भी दी गयीं. उन्होंने कहा कि संगठन की ओर से एक समीक्षा भी चलायी जा रही है कि किस इलाके में किस तरह के रोग ज्यादा हैं. डॉ सिंह ने कहा कि 11 सितंबर को स्वामी विवेकानंद के शिकागों में दिये गये वक्तव्य की 125 वार्षिकी थी. उनके स्मरण में ही स्वास्थ्य सेवा शिविर का आयोजन किया गया था.
डॉ सिंह ने कहा कि भविष्य में वे लोग और व्यापक स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान में मरीज और डॉक्टरों के बीच संबंध और विश्वास क्षीण हो रहा है. मरीज डॉक्टरों को शक की दृष्टि से देखते हैं, जिस तरह से डॉक्टरों पर हमले होते हैं, उससे डॉक्टर भी मरीजों को शक की दृष्टि से देखते हैं.
बेहतर चिकित्सा के लिए संबंध मजबूत होने की जरूरत है. उनमें विश्वास पैदा करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों पर हमले रोकने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है, क्योंकि कानून-व्यवस्था का दायित्व राज्य सरकार का ही है, लेकिन हाल में सरकार की पहल के बाद स्थिति में सुधार हुई है.

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