हावड़ा : लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी मंगलवार को तीन तलाक बिल पास हो गया. अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जायेगा. इस पर खुशी जताते हुए तीन तलाक के खिलाफ लड़नेवाली इशरत जहां ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है. मुस्लिम समुदाय की महिलाओं के लिए जश्न का दिन है. हमलोगों ने आज एक बड़ी लड़ाई जीत ली है. लेकिन सरकार से मेरा आग्रह है कि हलाला, दहेज भी ट्रिपल तलाक की तरह बंद हो.
ज्ञात हो कि हावड़ा के डबसन रोड में आयोजित हनुमान चालीसा पाठ में इशरत जहां के शामिल होने पर मुस्लिम धर्मावलंबियों ने आपत्ति जतायी थी. इतना ही नहीं इशरत को जान से मारने और घर खाली करने की धमकी भी मिली थी.
इसकी शिकायत इशरत ने गोलाबाड़ी थाना में दर्ज करायी थी. बता दें कि पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले की रहनेवाली की इशरत जहां ने अगस्त 2016 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. 30 साल की इशरत ने अपनी याचिका में कहा है कि उसके पति ने दुबई से ही फोन पर तलाक दे दिया था. अपनी याचिका में इशरत ने कोर्ट में कहा था कि उसका निकाह 2001 में हुआ था. याचिका में इशरत ने बच्चों को वापस दिलाने और उसे पुलिस सुरक्षा दिलाने की मांग की थी.
इशरत ने कहा था कि उसके पति ने दूसरी शादी कर ली है. याचिका में कहा गया था कि ट्रिपल तलाक गैरकानूनी है और मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का हनन है. मालूम रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त 2017 को पांच जजों की संवैधानिक पीठ में से तीन जजों ने तलाक-ए बिद्दत यानी तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित कर दिया था. इसके बाद केंद्र सरकार ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक-2017 लोकसभा में पेश किया और इसे बिना संशोधन के पास भी करवा लिया गया.
