कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस द्वारा राजभवन का इस्तेमाल भाजपा पार्टी के लिए किये जाने के आरोप पर पलटवार करते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था में राजभवन कोई बंद किला नहीं है. यह लोकतंत्र का सेफ्टी वाॅल्व है. जब सरकार किसी की बात नहीं सुनती है,तो लोग राजभवन पहुंचते हैं और राज्यपाल को ज्ञापन देते हैं.
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राजभवन कोई बंद किला नहीं, लोकतंत्र का है सेफ्टी वाॅल्व : केशरीनाथ त्रिपाठी
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस द्वारा राजभवन का इस्तेमाल भाजपा पार्टी के लिए किये जाने के आरोप पर पलटवार करते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था में राजभवन कोई बंद किला नहीं है. यह लोकतंत्र का सेफ्टी वाॅल्व है. जब सरकार किसी की बात नहीं सुनती है,तो लोग राजभवन पहुंचते […]
राज्यपाल उनके ज्ञापन को सरकार को भेज देती है. इससे लोग संतुष्ट होते हैं और आश्वस्त होकर जाते हैं. यह आरोप पूरी तरह से निराधार है कि राजभवन किसी पार्टी के लिए काम कर रहा था. जब सरकार विरोधी दल की बात नहीं सुनती है, तो वे राजभवन आते हैं.
उनके कार्यकाल के दौरान राजभवन न केवल भाजपा के लोग आयें, बल्कि माकपा, तृणमूल, फॉरवर्ड ब्लॉक सहित गैर सरकारी व सामाजिक संस्थाएं के लोग भी आयें. यह समझ लेना होगा कि राजभवन सभी के लिए है. यह कोई बंद किला नहीं है. ये बातें श्री त्रिपाठी ने रविवार की शाम को कालका एक्सप्रेस से प्रयागराज के लिए रवाना होने के पहले एक चैनल को दिये गये साक्षात्कार में कहीं.
धर्म को राजनीति से जोड़े जाने के संबंध में पूछे जाने पर राज्यपाल ने कहा कि धर्म का राजनीति के साथ संबंध रहता ही है. लेकिन धर्म को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए. जब धर्म का इस्तेमाल राजनीति के लिए होता है, तो इससे नुकसान होता है.धार्मिक सौहार्द्र नष्ट होता है. धर्म के आधार पर राजनीतिक भेदभाव उचित नहीं है.
पश्चिम बंगाल में हिंसा के संबंध में पूछे जाने पर श्री त्रिपाठी ने कहा कि बंगाल में हिंसा है. हिंसा को लेकर उन्होंने पहले भी चिंता जतायी है. आमलोगों से व संबंधित पक्षों से अनुरोध किया है कि हिंसा समाप्त करने के लिए कदम उठायें.
यह पूछे जाने पर क्या सरकार ने कदम उठाये हैं. उन्होंने कहा कि यह सरकार का विषय है. श्री त्रिपाठी ने कहा कि बंगाल में तीन बिजनेस सम्मिट हुए हैं, लेकिन इसका पर्याप्त परिणाम नहीं सामने आया है. सिंगूर के कारण यह संभव नहीं हो पाया है. उम्मीद है कि जल्द ही इसका परिणाम मिलेगा.
मौके पर राज्यपाल के एसीएस सतीश चंद्र तिवारी, एसएसजी डीके गौैतम, प्रेस सेक्रेटरी मानब बंदोपाध्याय, स्पेशल सेक्रेटरी कुमारजीब चक्रवर्ती, ओएसडी सुजय सिकदर, एसजीई सुबीर चक्रवर्ती, डॉ. महाजन और डॉ. मानब सांतरा उपस्थित थे. नये राज्यपाल सोमवार की सुबह साढ़े दस बजे राजभवन पहुंचेंगे.
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