कोलकाता : पश्चिम बंगाल में विगत तीन सालों के दौरान शिक्षक भर्ती के दौरान हुई व्यापक धांधली और सामाजिक परियोजनाओं में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदेश भाजपा ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की घोषणा की है. प्रदेश भाजपा के महासचिव सायंतन बसु ने संजय सिंह (सीए) की उपस्थिति में मंगलवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी.
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शिक्षक भर्ती व कन्याश्री में धांधली के खिलाफ कोर्ट जायेगी भाजपा
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में विगत तीन सालों के दौरान शिक्षक भर्ती के दौरान हुई व्यापक धांधली और सामाजिक परियोजनाओं में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदेश भाजपा ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की घोषणा की है. प्रदेश भाजपा के महासचिव सायंतन बसु ने संजय सिंह (सीए) की उपस्थिति में मंगलवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में […]
उन्होंने बताया कि देशभर की सभी सरकारी परियोजनाओं और कार्यों की समीक्षा करने की जिम्मेवार संस्था कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल आफ इंडिया (सीएजी) ने पश्चिम बंगाल के संबंध में जो रिपोर्ट दी है, वह चौंकानेवाली है. उन्होंने कहा कि शिक्षक भर्ती में हजारों परीक्षार्थियों का नंबर घटाया बढ़ाया गया है. उनकी जातियां बदली गयी हैं और ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली होने के बावजूद ऑफलाइन उसमें हस्तक्षेप किया गया है.
यह पूरे देश में आज तक नहीं हुआ. यह देश का सबसे बड़ा शिक्षक भर्ती घोटाला है और इसके खिलाफ पार्टी न्यायालय में मामला करेगी. उन्होंने कहा कि न्यायालय के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के सांसद संसद में भी इस मामले को उठायेंगे और राज्यव्यापी आंदोलन भी पार्टी की ओर से किया जायेगा.
सीएजी की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए श्री बसु ने दावा किया कि न केवल शिक्षक भर्ती में धांधली हुई है बल्कि सामाजिक परियोजनाओं में भी व्यापक हेरफेर की गयी है.
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि सीएजी ने पश्चिम बंगाल सरकार के महिला और बाल विकास विभाग से विभिन्न सामाजिक परियोजनाओं से संबंधित दस्तावेज देने को कहा था. ये दस्तावेज 2016 से 2017 के दौरान के थे.
इसमें बच्चों की शिक्षा के लिए शुरू की गयी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘कन्याश्री’ और अन्य सामाजिक परियोजनाएं भी थीं, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार ने यह कहते हुए कोई भी जानकारी देने से इनकार कर दिया कि सामाजिक योजनाओं से संबंधित दस्तावेज गोपनीय और सुरक्षा से संबंधित हैं. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि सीएजी को अधिकार है कि देश के किसी भी राज्य की किसी भी सरकारी योजना और संस्था के कार्यों की समीक्षा करें.
यह संवैधानिक नियम है. ऐसे में बंगाल सरकार ऐसा किस आधार पर कर सकती है कि सामाजिक सुरक्षा से संबंधित योजना की रिपोर्ट सीएजी को नहीं देंगे. बसु ने कहा कि सरकार को बार-बार सीएजी की ओर से चिट्ठी दी गयी लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया. इसमें भी व्यापक भ्रष्टाचार हुआ है.
सायंतन के बयान से फिर गरमायी राजनीति
कोलकाता. भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के महासचिव सायंतन बसु के विवादित बयान से राज्य की राजनीति गरमा गयी है. गत रविवार को धर्मतल्ला की जनसभा से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चेतावनी दी थी कि अगर भाजपा के हमले का जवाब तृणमूल कार्यकर्ता देने लगे, तो भारी पड़ जायेगा.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मंगलवार को सायंतन बसु ने कहा कि अगर कोई हमें आंख दिखायेगा, तो उसकी आंखें निकालने की क्षमता है. हमें धमकाने की कोशिश ना करें.
उत्तर 24 परगना के हाबरा ग्वालबाटी इलाके में कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करने के बाद सायंतन बसु ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं की इतनी क्षमता है कि कोई अगर उनकी ओर उंगली उठाये, तो उंगली को भी तोड़ देंगे. हिंसा को उकसा देने संबंधी उनके बयान को लेकर एक बार फिर विवाद शुरू हो गया है.
लोकसभा चुनाव चलने के समय उन्होंने इसी तरह का बयान दिया था, जिसके बाद उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी. अब मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री की शैक्षणिक योग्यता पर भी सवाल उठाया है. दरअसल रविवार को शहीद दिवस के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा था कि जितनी मेरी क्षमता होगी, उतना ही शिक्षकों का वेतन बढ़ायेंगे.
इस पर पलटवार करते हुए सायंतन ने कहा कि मुख्यमंत्री की शैक्षणिक योग्यता बहुत कम है. सायंतन ने कहा कि आज ममता इवीएम की जगह बैलेट की बात सिर्फ इसलिए कर रही हैं, ताकि चुनाव के समय उनके कार्यकर्ताओं को बैलेट लूटने का मौका मिल सके. इवीएम में लूटने का मौका नहीं है, इसलिए ममता डर रही हैं कि तृणमूल हार जायेगी.
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