कोलकाता : चार दिन पहले चेतावनी के बाद भी बंगाल की खाड़ी में गहरे समुद्र में जाने पर लापता हो गये 31 मछुआरों में से छह को सोमवार को बचा लिया गया, लेकिन अब भी 25 लोगों का पता नहीं चल सका है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि एक अन्य नौका के 13 मछुआरों को भी शनिवार को भारत और बांग्लादेश के तटरक्षकों बलों के संयुक्त अभियान में बचाया गया. इस नौका में तकनीकी गड़बड़ी पैदा हो गयी थी और वह खराब मौसम के चलते बांग्लादेश की समुद्री सीमा में चली गयी थी.
अधिकारियों के अनुसार इसी के साथ शनिवार से अब तक 49 मछुआरे बचाये गये हैं. काकद्वीप में मछुआरों के एसोसिएशन के सचिव निकोन माइती ने कहा कि एफबी दसभुजा के छह मछुआरों को बांग्लादेश के हरिभंगा टापू के मछुआरों ने बचा लिया.
उन्हें सोमवार सुबह काकद्वीप लाया गया. माइती ने बताया कि जो मछुआरे लापता हुए थे, वे गुरुवार को पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के नामखाना से चार नौकाओं एफबी नयन, एफबी दसभुजा, एफबी बाबाजी और एफबी ज्वॉय जोगीराज से गये थे. वैसे तो एफबी दसभुजा, एफबी जॉय जोगीराज और एफबी बाबाजी के डूब जाने की आशंका है, लेकिन एफबी ज्वॉय जोगीराज और एफबी बाबाजी के 15 -15 मछुआरों को बचा लिया गया है. माइती ने कहा कि एफबी नयन का अब तक पता नहीं चला है. उस पर 16 मछुआरे सवार हैं. एफबी दसभुजा के नौ मछुआरे भी लापता हैं.
पश्चिम बंगाल मछुआरा एसोसिएशन से लापता हुए मछुआरों के बारे में सूचना मिलने के बाद सुंदरवन विकास मंत्री मंटुराम पखीरा ने दक्षिण 24 परगना जिले के प्रशासन से बचाव व राहत अभियान चलाने के लिए कहा है.