हावड़ा : पिछले साढ़े तीन वर्षों में देश के विभिन्न जगहों पर ट्रेन से कट कर 65 हाथियों की मौत हुई है. साथ ही इन साढ़े तीन सालों में 35,732 वन और घरेलू प्राणियों की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हो चुकी है. पिछले दिनों लोकसभा में केंद्र सरकार की ओर से एक रिपोर्ट सौंपी गयी है.
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42 महीने में ट्रेन से कट कर 65 हाथियों की मौत : रिपोर्ट
हावड़ा : पिछले साढ़े तीन वर्षों में देश के विभिन्न जगहों पर ट्रेन से कट कर 65 हाथियों की मौत हुई है. साथ ही इन साढ़े तीन सालों में 35,732 वन और घरेलू प्राणियों की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हो चुकी है. पिछले दिनों लोकसभा में केंद्र सरकार की ओर से एक […]
रिपोर्ट के मुताबिक, हाथी के अलावा, शेर, तेंदुआ, गाय, भैस सहित कई प्राणियों ने जान गंवाया है. सबसे अधिक 21 हाथियों की मौत उत्तर-पूर्व सीमांत रेलवे (अलीपुरद्वार-असम) के अंतर्गत हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2016 में 19, 2017 में 15, 2018 में 26 और 2019 के 20 जून तक पांच हाथियों की मौत ट्रेन के धक्के से हुई है.
वहीं दक्षिण पूर्व रेलवे के विभिन्न डिवीजन में वर्ष 2016 से लेकर अभी तक 12 हाथियों की मौत हो चुकी है. हाथियों की मौत रोकने के लिए रेल मंत्रालय की ओर से विभिन्न जगहों पर ट्रेनों की गति पर लगाम लगाया गया है. साथ ही रेल पटरी के दोनों ओर तार से घेराबंदी भी की गयी है. बावजूद इसके ट्रेन के धक्के से हाथियों की मौत का सिलसिला जारी है.
इस वर्ष पांच हाथियों की मौत हो चुकी है. रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2016 में 7,945, 2017 में 11,683, 2018 में 12,625 और 2019 के 20 जून तक 3,479 वन और घरेलू प्राणियों ने दम तोड़ा है. वर्ष 2016-18 में गुजरात में 10 शेर की मौत हुई है.
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