कोलकाता : पश्चिम बंगाल के मदरसों में आतंकियों की कथित घुसपैठ को लेकर बुधवार को विधानसभा में जम कर हंगामा हुआ. उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में बयान दिया था कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और बर्दवान के कई मदरसों में बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आतंकी सक्रिय हैं. कोलकाता पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने भी एक आतंकी की गिरफ्तारी के बाद इसी तरह का दावा किया था.
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मदरसों में आतंकवाद, विधानसभा में जमकर हंगामा, सत्तापक्ष समेत कांग्रेस- वाम मोर्चा ने कहा – बंगाल को बदनाम करने की कोशिश
कोलकाता : पश्चिम बंगाल के मदरसों में आतंकियों की कथित घुसपैठ को लेकर बुधवार को विधानसभा में जम कर हंगामा हुआ. उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में बयान दिया था कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और बर्दवान के कई मदरसों में बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) […]
बुधवार को राज्य विधानसभा की कार्यवाही में भी यह मुद्दा छाया रहा. विपक्ष के नेता और कांग्रेस विधायक अब्दुल मन्नान ने अमित शाह के दावे को निराधार और राजनीति से प्रेरित बताया है.
इसके अलावा राज्य के संसदीय कार्य और शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने भी इसे राज्य सरकार को बदनाम करने साजिश करार दिया है. पार्थ ने इस मामले में एक बार फिर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रस्ताव लाने का अनुरोध किया और भाजपा को छोड़कर अन्य विपक्षी पार्टियों को इस प्रस्ताव का समर्थन करने की अपील की.
क्या कहा विपक्ष के नेता ने :
बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने सदन में कहा कि 1400 वर्षों से मदरसों में शिक्षा दी जाती है. अब अचानक मदरसों को आतंकवाद के नाम पर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. यह राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने कहा कि मदरसों में अनगिनत छात्र पढ़ते हैं. उसमें कई हिंदू शिक्षक भी हैं.
केंद्र सरकार के गृह मंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति ने जिस तरह का दावा पश्चिम बंगाल को लेकर संसद में किया है, वह असंवैधानिक है. राज्य की सभ्यता और संस्कृति को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के खिलाफ भी हमारे कई आरोप हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने जो दावा किया है, वह स्वीकार करने योग्य नहीं है.
इस संबंध में केंद्र का कोई पत्र नहीं मिला : गियासुद्दीन मोल्ला
केंद्रीय गृह मंत्रालय के दावे पर प्रदेश के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री गियासुद्दीन मोल्ला ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से कोई पत्र नहीं मिला, जिसमें ऐसी किसी बात का उल्लेख हो. गृहमंत्री राज्य की गलत तस्वीर प्रदर्शित कर रहे हैं.
उन्होंने कहा है कि यह सही नहीं है. बंगाल में 614 मदरसे हैं, जो वाम सरकार के शासनकाल से चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि विगत कई वर्षों से कोई नया मदरसा नहीं खुला है. हमारी सरकार के समय एक भी नया मदरसा नहीं खुला है.
मोल्ला ने कहा है कि हम उनकी किताबों इत्यादि से सहायता कर रहे हैं. लेकिन जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो हमने वह भी रोक दिया. अल्पसंख्यक मंत्री ने कहा है कि केंद्र या गृह मंत्रालय ने हमें इस तरह का कोई पत्र नहीं भेजा. ये सभी सियासी मसले हैं और इन्हें वे अपने लाभ के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.
क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि अमित शाह ने मंगलवार को संसद में दावा किया था कि भारत-बांग्लादेश की सीमा पार कर जेएमबी के कई आतंकी दैनिक तौर पर मुर्शिदाबाद और बर्दवान के कई मदरसों में आना-जाना करते हैं. इसके अलावा लश्कर-ए-तैयबा के भी कुख्यात आतंकी इन मदरसों और आसपास की मस्जिदों में शरण लेने के लिए आते हैं. इन मदरसों के जरिये नये आतंकियों की भर्ती की जा रही है.
संसदीय कार्य मंत्री ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रस्ताव लाने की सिफारिश की
इसके बाद, राज्य के संसदीय कार्य और शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने सदन में कहा कि भाजपा के इस रवैये के खिलाफ प्रस्ताव लाने की जरूरत है. विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी की अनुमति से उन्होंने प्रस्ताव लाने की बात भी कही. इसके बाद राज्य के पुस्तकालय विभाग के मंत्री सिद्दिकुल्ला चौधरी ने सदन में कहा कि ममता बनर्जी की सरकार को बदनाम करने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार अजीब दावे कर रही है.
आतंकवाद के नाम पर सभी मदरसों पर सवाल खड़ा करना सही नहीं है. मदरसा में पढ़नेवाला कोई छात्र या कोई भी व्यक्ति अगर आतंकवाद के साथ जुड़ा हुआ है, तो यह उसका व्यक्तिगत मामला है. इससे सभी मदरसों को बदनाम नहीं किया जा सकता. सिद्दिकुल्ला ने कहा कि मुझे विश्वास है कि मजहबी भेदभाव के नाम पर केंद्र सरकार और भाजपा के आचरण के खिलाफ अगर राज्य सरकार प्रस्ताव लायेगी, तो अन्य विपक्षी पार्टियां भी इसका समर्थन करेंगी.
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