कोलकाता: ग्रामीण भारत के लगभग 10 करोड़ घरों में शौचालय नहीं हैं, जिसके लिए सरकार को 2022 तक खुले में शौच समाप्त करने के लिए बहुत बड़ी मात्र में फंड की जरूरत होगी. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के निदेशक सुजय मजूमदार ने फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से कहा कि ग्रामीण भारत में लगभग 40 प्रतिशत घरों में शौचालय नहीं हैं और हमारा उद्देश्य 2022 तक खुले में शौच समाप्त करना है.
उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत के 18 करोड़ घरों में से लगभग 10 करोड़ घरों में शौचालय नहीं हैं, जिसके लिए 150000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी.
श्री मजूमदार ने कहा कि वर्तमान पंचवर्षीय योजना के तहत केंद्र ने 38000 करोड़ रुपये का आबंटन किया है, जबकि राज्य सरकारों ने 15 हजार करोड़ रुपये का योगदान दिया है. ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति पर अधिकारी ने कहा कि उनका लक्ष्य 2022 तक 90 प्रतिशत क्षेत्रों को शामिल करना है, जिसके लिए 300000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी.