- कोलकाता इंटरनेशनल चिल्ड्रेन फिल्म फेस्टिवल ने बनायी अलग पहचान : पार्थ चटर्जी
- निर्देशक प्रवीण मोरचाले की फिल्म ‘वॉकिंग विथ द विन्ड’ के साथ उद्घाटन
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कोलकाता : आठवें कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव का उद्घाटन
कोलकाता इंटरनेशनल चिल्ड्रेन फिल्म फेस्टिवल ने बनायी अलग पहचान : पार्थ चटर्जी निर्देशक प्रवीण मोरचाले की फिल्म ‘वॉकिंग विथ द विन्ड’ के साथ उद्घाटन कोलकाता : पश्चिम बंगाल के सूचना व संस्कृति विभाग व शिशु किशोर एकेडमी की ओर से नंदन (प्रथम) में रविवार को आठवें कोलकाता इंटरनेशनल चिल्ड्रेन फिल्म फेस्टिवल (बाल फिल्मोत्सव) का आयोजन […]
कोलकाता : पश्चिम बंगाल के सूचना व संस्कृति विभाग व शिशु किशोर एकेडमी की ओर से नंदन (प्रथम) में रविवार को आठवें कोलकाता इंटरनेशनल चिल्ड्रेन फिल्म फेस्टिवल (बाल फिल्मोत्सव) का आयोजन किया गया.
यह बाल फिल्मोत्सव 20 से 27 जनवरी तक चलेगा. इसका उद्घाटन नंदन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने किया. इस बाल फिल्मोत्सव का उद्घाटन निर्देशक प्रवीण मोरचाले की फिल्म ‘वॉकिंग विथ द विन्ड’ के साथ किया गया.
इस मौके पर शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि बच्चों का जीवन अलग ही होता है. अच्छी किताबों से जहां उनका सामान्य ज्ञान बढ़ता है, वहीं मोटिवेशनल फिल्मों से उनकी सोच का दायरा भी बढ़ेगा. बच्चों के लिए बहुत कम फिल्में बनती हैं.
इस बाल फिल्मोत्सव से न केवल उनका मनोरंजन होगा, बल्कि उनको बहुत कुछ सीखने को भी मिलेगा. इस साल 35 देशों की लगभग 200 बाल फिल्में यहां आठ थियेटरों में दिखायी जायेंगी.
मंत्री का कहना है कि अभी उनका बचपन व युवा काल तो चला गया, लेकिन बच्चे यहां आकर आनंद उठा सकते हैं. उनके समय में किताबें हुआ करती थीं, जो आज भी हैं, लेकिन टेक्नोलॉजी इतनी एडवान्सड नहीं थी. आज टेक्नोलॉजी के कारण बच्चों को कई ज्ञानवर्द्धक चीजें मिल जाती हैं.
राज्य की मुख्यमंत्री ने बच्चों के विकास पर फोकस करते हुए इस फिल्मोत्सव को प्राथमिकता दी है. उन्होंने बच्चों पर गीत व कविताएं भी लिखी हैं. आज यह फिल्मोत्सव 8वें साल में प्रवेश कर रहा है, अगले साल इससे भी ज्यादा व बेहतरीन फिल्में बच्चों को दिखायी जायेंगी.
इस फिल्मोत्सव में कुछ देशों के कौंसुलेट भी आये हैं, यह अच्छी कोशिश है. कार्यक्रम में जाने-माने फिल्म-निर्माता संदीप रे ने कहा कि बच्चों के लिए अच्छी फिल्में बनाना बहुत जरूरी है. किताबें पढ़ने की हॉबी एक अच्छी आदत है लेकिन आज विजुएलाइजेशन का जमाना है.
देखने से बच्चे ज्यादा सीखते हैं व ग्रहण करते हैं. मुझे उम्मीद है कि यह बाल फिल्मोत्सव आने वाले समय में ज्यादा लोकप्रिय होगा. अपनी किताबों व फिल्म के बारे में चर्चा करते हुए श्री रे ने बच्चों से आह्वान किया कि वे सुझाव दें कि उनके लिए किस तरह की फिन्में बनायी जायें, जिसे वे पसंद करें.
उद्घाटन कार्यक्रम में शिशु किशोर एकेडमी की अध्यक्ष व 8वें कोलकाता इंटरनेशनल चिल्ड्रेन फिल्म फेस्टिवल की निदेशक अर्पिता घोष ने कहा कि यह फिल्मोत्सव बच्चों के लिए है. बच्चों को यहां भरपूर आनंद मिलेगा. फिल्मोत्सव में फिल्म निर्देशक स्व. मृणाल सेन को सम्मानपूर्ण श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी फिल्म ‘इच्छापूरन’ दिखायी जायेगी.
इसके अलावा डॉक्यूमेन्ट्री, एनीमेशन व शॉट इन्टरनेशनल फिल्में दिखायी जायेंगी. यह अाठवां साल है, जब इस फिल्मोत्सव में बेहतरीन व पुरस्कार प्राप्त बाल फिल्में दिखायी जायेंगी. कार्यक्रम में राज्य के सूचना व संस्कृति विभाग के मुख्य सचिव विवेक कुमार ने स्वागत भाषण में कहा कि यहां अलग-अलग 13 श्रेणियों में राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय स्तर की 219 फिल्में दिखायी जायेगी.
इस फिल्मोत्सव में प्रदर्शनी के अलावा सेलेब्रेटीज के साथ परिचर्चा सत्र का आयोजन किया जायेगा. इस फिल्मोत्सव के आयोजन में शिशु किशोर एकेडमी व राज्य के सूचना व संस्कृति विभाग का महत्वपूर्ण योगदान है. इस उद्घाटन कार्यक्रम में महानगर के अलावा हुगली, हावड़ा व अन्य जिलों के स्कूलों के कई बच्चे, अभिभावक व शिक्षक भारी संख्या में उपस्थित रहे. बाल-फिल्मोत्सव में बच्चे काफी उत्साहित दिखाई दिये.
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