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भूटान जाकर पेट्रोल-डीजल खरीदने से बंगाल को 926 करोड़ का सालाना घाटा

कोलकाता : भूटान में पेट्रोल और डीजल, पश्चिम बंगाल की तुलना में करीब 12 रुपये सस्ता है. इस वजह से पश्चिम बंगाल के पेट्रोल पंप डीलरों को सालाना 750 करोड़ रुपये और राज्य सरकार को करीब 176 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. नॉर्थ बंगाल पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (एनबीपीडीए) का यह अनुमान है. क्योंकि […]

कोलकाता : भूटान में पेट्रोल और डीजल, पश्चिम बंगाल की तुलना में करीब 12 रुपये सस्ता है. इस वजह से पश्चिम बंगाल के पेट्रोल पंप डीलरों को सालाना 750 करोड़ रुपये और राज्य सरकार को करीब 176 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. नॉर्थ बंगाल पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (एनबीपीडीए) का यह अनुमान है. क्योंकि राष्ट्रीय राजमार्ग-31 से गुजरनेवाले वाहन चालक भूटान की सीमा में जाकर तेल खरीदना पसंद करते हैं, जो सिर्फ 10 किलोमीटर की दूरी पर है.
पेट्रोल की बिक्री में 2.50 लाख लीटर का नुकसान
गौरतलब है कि भारत-भूटान मैत्री संधि के मुताबिक एक-दूसरे देश की सीमा में आवाजाही के लिए वीजा की जरूरत नहीं पड़ती, इसलिए भूटान जाकर तेल खरीदना गैर-कानूनी नहीं है. एनएच-31 पर सफर करनेवाले वाहन चालक इसका फायदा लेते हैं. नॉर्थ बंगाल पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के मुताबिक एनएच-31 पर करीब 150 पेट्रोल पंप हैं.
भूटान में सस्ते तेल की वजह से इनकी बिक्री में हर रोज 20 प्रतिशत की कमी आ रही है. एसोसिएशन का अनुमान है कि रोजाना पेट्रोल की बिक्री में 2.50 लाख लीटर और डीजल में 1.35 लाख लीटर का नुकसान हो रहा है. भूटान में पेट्रोल 72 रुपये और डीजल 64 रुपए प्रति लीटर है जबकि एनएच-31 पर स्थित ज्यादातर पंपों पर पेट्रोल 84 और डीजल करीब 76 रुपये मिल रहे हैं. इस तरह दोनों की कीमतों में 12 रुपये का अंतर है.
पेट्रोल डीलरों की सरकार से दखल की मांग
एनबीपीडीए के अध्यक्ष एस पाल चौधरी का कहना है कि भारतीय पेट्रोल पंपों की बजाय भूटान से तेल की खरीदारी होने से केंद्र सरकार को भी एक्साइज ड्यूटी का नुकसान हो रहा है. पेट्रोल पंप डीलर्स चाहते हैं सरकार कोई समाधान निकाले.
पश्चिम बंगाल में पेट्रोल पर 23.78 प्रतिशत टैक्स
केंद्र सरकार पेट्रोल पर 17.98 और डीजल पर 13.83 रुपये एक्साइज ड्यूटी लेती है. इसके बाद राज्यों के टैक्स अलग से होते हैं. पश्चिम बंगाल में पेट्रोल पर 23.78 और डीजल पर 15.99 प्रतिशत टैक्स लगता है. वित्त वर्ष 2017-18 में पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी से केंद्र सरकार को 2.29 लाख करोड़ रुपये मिले और राज्यों को 1.84 लाख करोड़ रुपये की कमायी हुई. गौरतलब है कि पेट्रोल और डीजल जीएसटी के दायरे में नहीं आते.

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