कोलकाता : यौन कर्मियों के अधिकारों को समर्पित 300 फीट लंबे स्ट्रीट आर्ट का अनावरण दुर्गा पूजा पंडाल के बार किया गया. यह स्ट्रीट आर्ट (सड़क कला) को सोनागाछी की यौनकर्मियों को समर्पित किया गया. उत्तर कोलकाता के अहिरीटोला में पंडाल के गेट के बाहर रुचिपूर्ण तरीके से चित्रकारी व अन्य तरीकों से यौनकर्मियों की अनकही कहानी को कहा गया है.
स्ट्रीट आर्ट में यौनकर्मियों की यात्रा को दिखाया गया है जिसमें तीन महिलाएं एक दरवाजे के पीछे से एक महिला के माथे पर लगे सिंदूर को देख रही हैं. दुर्बार महिला समन्वय समिति की सदस्य काजोल बोस ने कहा कि वह काफी खुश हैं कि पूजा आयोजकों ने उनके जीवन के बारे में सोचा.
मां दुर्गा की तरह वह भी महिला हैं और समाज का हिस्सा हैं. इस प्रयास की वजह से वह सभी से घुलमिल सकती हैं. कला के अनावरण के मौके पर दुर्बार की सदस्याएं काफी खुश दिखी. ढाक की धुन पर उन्होंने नृत्य भी किया. पूजा कमेटी ने ‘उत्सारित आलो’ की थीम इस बार अपने पूजा आयोजन में उकेरी है. जिसमें यौनकर्मियों को सम्मान और समर्थन उनके कार्य के अधिकार की मांग के प्रति दिखाया गया है.
कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष उत्तम साहा ने कहा कि सदियों से रूढ़िवादी समाज ने यौनकर्मियों की अवहेलना की है. बतौर इंसान यह समझने में सभी नाकाम रहे कि वह भी किसी की मां या बहन हैं. वह पीड़ा या नफरत की हकदार नहीं. वह अपना जीवन खामोशी से गुजारती हैं साथ ही तिरस्कार और अवहेलना भी झेलती हैं.
इसलिए वह इन यौनकर्मियों की यात्रा का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध थे. साथ ही यह उनके मौलिक अधिकारों को सुनिश्चित किये जाने की उनकी मांग का भी समर्थन करते हैं ताकि वह भी सिर ऊंचा करके चल सकें.