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मूर्ति विवाद : भाजपा समर्थकों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया, दो की हालत गंभीर

कोलकाता : बुधवार को दक्षिण कोलकाता के केवड़ातल्ला में भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति पर कालिख पोत दी गयी थी. यही नहीं मूर्ति को तोड़ने की कोशिश की गयी थी. भाजपा ने गुरुवार को प्रतिमा को दुग्ध स्नान करा शुद्धीकरण की घोषणा की थी. इस घोषणा के मुताबिक, भाजपा कार्यकर्ता जब […]

कोलकाता : बुधवार को दक्षिण कोलकाता के केवड़ातल्ला में भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति पर कालिख पोत दी गयी थी. यही नहीं मूर्ति को तोड़ने की कोशिश की गयी थी. भाजपा ने गुरुवार को प्रतिमा को दुग्ध स्नान करा शुद्धीकरण की घोषणा की थी. इस घोषणा के मुताबिक, भाजपा कार्यकर्ता जब मूर्ति को दुग्ध स्नान कराने पहुंचे तो बवाल हो गया. कथित तृणमूल कांग्रेस समर्थकों ने भाजपा कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा.

आलम यह था कि भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं को भी नहीं बख्शा गया. उन्हें गालियां दी गयीं. मारा-पीटा गया. दो भाजपा कार्यकर्ताओं की हालत गंभीर बतायी गयी है. भाजपा का आरोप है कि पार्टी के बढ़ते जनाधार से घबराई तृणमूल कांग्रेस माकपा की तर्ज पर हिंसा की राजनीति पर उतर आयी है. हालांकि तृणमूल कांग्रेस की स्थानीय पार्षद माला राय ने घटना में उनकी पार्टी की संलिप्तता से इनकार किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी जमीन पर बगैर अनुमति के भाजपा वाले हिंसा फैलाने गये थे. जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया.

गौरतलब है कि बुधवार को जादवपुर विश्वविद्यालय के पांच पूर्व छात्रों ने त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति तोड़ने के विरोध में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति पर कालिख पोतने के साथ तोड़-फोड़ की थी. जिसके खिलाफ मूर्ति को पवित्र करने व कालिख पोंछने के लिए दूध का कलश लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के नेतृत्व में प्रदेश के कई नेता केवड़ातल्ला महा श्मशान घाट के लिए रवाना हुए. भारी पुलिस बल ने रास बिहारी में बैरिकेड करके उन्हें रोक दिया. भाजपा नेता आगे जाना चाहते थे लेकिन पुलिस उन्हें रोकना चाहती थी.

दोनों ही पक्ष अड़े थे. इस बीच कुछ स्थानीय भाजपा समर्थक केवड़ातल्ला महा श्मशान के पास पहुंच गये. इनको देखकर वहां पर मौजूद कथित तृणमूल कांग्रेस समर्थक भड़क गये और भाजपा समर्थकों को पीटना शुरू कर दिया. जान बचाने के लिए जब भाजपा कार्यकर्ता मौके से जाने लगे तो पीछे से उनको दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया. हालांकि स्थानीय पार्षद माला राय ने कहा कि इस मामले में तृणमूल कांग्रेस का कोई हाथ नहीं है. जो दोषी होंगे पुलिस उन्हें गिरफ्तार करेगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोलकाता नगर निगम ने वहां पर मूर्ति लगाने के साथ सारा इंतजाम करने की बात पहले ही कह दी थी. इसके अलावा वहां पर ताला लगा दिया गया था. यह सब पहले से ही पूर्व घोषित था. बावजूद इसके भाजपा के लोग वहां पर उत्तेजना भड़काने के लिए पहुंच गये थे. जिससे स्थानीय लोग भड़क गये. इसमें तृणमूल कांग्रेस कहीं शामिल नहीं है.

हंगामा करते 59 लोग गिरफ्तार
लालबाजार में कोलकाता पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त (3) सह संयुक्त आयुक्त (मुख्यालय) सुप्रतीम सरकार ने बताया कि पुलिस ने घटनास्थल से हंगामा करने के आरोप में 59 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें 57 पुरुष व दो महिला शामिल हैं. गिरफ्तार आरोपी किस पार्टी के समर्थक हैं, इसका खुलासा नहीं हो सका है.
जादवपुर में पिटे हिंदू अस्तित्व रक्षा मंच के कार्यकर्ता
जादवपुर विश्वविद्यालय के कथित वामपंथी छात्रों के हमले से बंगाली हिंदू अस्तित्व रक्षा मंच की सभा शुरू होने के पहले ही खत्म हो गयी. हमले में चार लोग घायल हो गये हैं. बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर तैनात है. घटना 8-बी बस स्टैंड के सामने हुई. पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है. इस हंगामे में कई पुलिस वाले भी जख्मी हुए हैं. त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति तोड़ने के जवाब में रेडिकल-7 नाम की एक संस्था के पांच सदस्यों द्वारा केवड़तल्ला स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति पर कालिख पोतने की घटना के बाद विरोध जताने के लिए बंगाली हिंदू अस्तित्व रक्षा मंच 8-बी बस स्टैंड के पास लेनिन की मूर्ति के नजदीक सभा करने वाला था. सभा की तैयारी अभी चल ही रही थी कि दूसरी तरफ से वामपंथियों का एक जुलूस आकर सभा स्थल पर मौजूद लोगों पर आरोप लगाने लगा कि यह लोग (मंच संस्था के लोग) लेनिन की मूर्ति तोड़ने आये हैं. इसके बाद हालात बेकाबू हो गया. जादवपुर विश्वविद्यालय के नक्सली विचारधारा वाले छात्र मौके पर पहुंच कर कथित तौर पर हमला बोल दिया. पुलिस ने उनको रोकने का काफी प्रयास किया. इस क्रम में कई पुलिस वाले भी जख्मी हो गये. बाद में भारी पुलिस बल ने मौके पर पहुंच कर बंगाली हिंदू अस्तित्व रक्षा मंच के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर बाकी लोगों को वहां से जाने दिया. गौरतलब है कि मेयो रोड की सभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति तोड़ने के साथ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा का अपमान करने व तोड़ने की घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा: यहां पर जादवपुर विश्वविद्यालय में मुट्ठीभर कुछ माओवादी बचे हुए हैं जिनका काम है हर अच्छे काम का विरोध करना. इनके पांच लड़कों की करतूत का इस्तेमाल राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने इनकी निंदा करते हुए इन्हें अपनी हरकतों से बाज आने को कहा. लेकिन शाम होते ही उसी जादवपुर इलाके में माओवादियों ने पुलिस के सामने जिस तरह बंगाली हिंदू अस्तित्व रक्षा मंच के समर्थकों पर हमला बोला वह प्रशासन के लिए काफी चिंता का विषय बन गया है.

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