12.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

2040 तक चांद पर मनुष्य भेजने के लक्ष्य की ओर भारत : शुभांशु शुक्ला

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आइएसएस) जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री, एयर फोर्स में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने बुधवार को महानगर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा कि अंतरिक्ष की दुनिया में नयी पहचान के लिए भारत अब काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है

संवाददाता, कोलकाता

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आइएसएस) जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री, एयर फोर्स में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने बुधवार को महानगर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा कि अंतरिक्ष की दुनिया में नयी पहचान के लिए भारत अब काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है और “बड़े और साहसिक सपने” देख रहा है.बुधवार को इंडियन सेंटर फॉर स्पेस फिजिक्स द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत में शुभांशु शुक्ला ने कहा कि 2040 तक चांद पर मनुष्य भेजने की दिशा में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि एक देश के तौर पर भारत ने स्पेस साइंस में कुछ बड़े और बोल्ड लक्ष्य तय किये हैं. इनमें गगनयान मिशन, इंडियन स्पेस स्टेशन बनाना और चांद पर मनुष्य को भेजना शामिल है.

मिशन की समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “स्पेस मिशन बहुत मुश्किल होते हैं. अभी कोई पक्की तारीख बताना मुश्किल है. हालांकि, 2040 को लक्ष्य मानकर काम आगे बढ़ रहा है. अभी जो टेस्ट मिशन चल रहे हैं, उनकी प्रोग्रेस के आधार पर आखिरी तारीख तय की जायेगी. लेकिन मैं इतना कह सकता हूं कि हम लक्ष्य तक पहुंच जायेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि अगले 10 से 20 सालों में स्पेस एक्सप्लोरेशन के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव होने वाला है, जिसे अपनी आंखों से देखना बहुत ही रोमांचक अनुभव होगा. गौरतलब है कि शुभांशु शुक्ला एक्जिओम-4 मिशन के हिस्से के तौर पर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाने वाले पहले भारतीय थे. वह 18 दिन के मिशन के बाद 17 अगस्त, 2025 को अमेरिका से भारत लौटे.

इंडियन सेंटर फॉर स्पेस फिजिक्स में आयोजित कार्यक्रम में स्कूली बच्चों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि स्पेस “रहने के लिए एक शानदार जगह” है, जहां गहरी शांति और “अद्भुत नज़ारा” है जो समय के साथ और भी मनमोहक होता जाता है. शुक्ला ने कहा, “आप जितने ज्यादा समय तक रुकेंगे, आपको उतना ही ज्यादा मजा आयेगा,” और हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि वह “असल में वापस नहीं आना चाहते थे.” शुक्ला ने कहा कि स्पेस में रहने का प्रैक्टिकल अनुभव ट्रेनिंग के दौरान सीखे गये अनुभवों से बहुत अलग था. उन्होंने कहा कि जो अनुभव मिला है, वह एक नेशनल ऐसेट है.

शुभांशु शुक्ला ने कहा कि जैसे-जैसे भारत अपनी ह्यूमन स्पेसफ्लाइट क्षमताओं को बढ़ायेगा, यह सेक्टर “रोजगार के बहुत सारे मौके” पैदा करेगा. शुक्ला ने यह भी कहा कि यह कामयाबी अकेले उनकी नहीं, बल्कि पूरे देश की है.

उन्होंने कहा कि भारत के युवा काफी प्रतिभाशाली हैं, उन्हें अपने लक्ष्य के प्रति ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिज्ञासु बने रहना चाहिए और लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि 2047 तक एक विकसित भारत बनने में देश के युवाओं के कंधों पर ही पूरी जिम्मेदारी है.

उन्होंने कहा कि गगनयान और भविष्य के मिशन के साथ, भारत में बच्चे न केवल एस्ट्रोनॉट बनने का सपना देख पायेंगे, बल्कि देश के अंदर इसे हासिल भी कर पायेंगे.

शुक्ला ने कहा कि स्पेस मिशन एक गांव के बच्चे में भी यह विश्वास पैदा करता है कि वह भी एक दिन स्पेस में जा सकता है. जब आप एक व्यक्ति को स्पेस में भेजते हैं, तो आप लाखों उम्मीदें जगाते हैं. इसलिए ऐसे प्रोग्राम जारी रहने चाहिए.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel