भारत में सबसे लंबे समय तक एक राज्यके शासन की कमान संभालने का रिकॉर्ड जिस शख्स के नाम दर्ज है,वेहैं ज्योति बसु. नयी सहस्राब्दी (2000 के दशक के बाद तक) तक मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सबसे बड़े नेता रहे ज्योति बसु देश के सबसे फिट और एक्टिव नेताओं में शुमार थे.आठ जुलाई 2017 को जन्मे ज्योति बाबू का निधन 17 जनवरी 2010कोहुआ था. आज उनकी आठवीं पुण्यतिथि है और पश्चिमबंगालकी सीएम ममता बनर्जी सहित कई अहम लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलिदी है और उनके योगदान को यादकियाहै. सचिवालय के कर्मचारी और सचिवालय कवर करने वाले पत्रकार बताते हैं कि वह कभी देर से कार्यालय नहीं पहुंचे.
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पश्चिम बंगाल में करीब ढाई दशक तक (25 साल) सरकार की कमान संभालने वाले ज्योति बसु से एक बार बंगाल के पत्रकारों ने उनकी फिटनेस का राज पूछ लिया. इस पर ज्योति बाबू ने कहा था, ‘हमेशा फिट और एक्टिव रहना है, तो सुबह-सुबह गर्म भात खाओ.’
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्षों तक ज्योति बसु ने दाल-भात, बेगुन भाजा (बैंगन फ्राई) पर जीवन व्यतीत किया. रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्योति बसु और उनसे पहले पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे सिद्धार्थ शंकर राय के बीच लगभग उस हद तक राजनीतिक प्रतिद्वंदिता थी, जैसी आजकल मुलायम सिंह यादव और मायावती के बीच रहती है. लेकिन, व्यक्तिगत स्तर पर दोनों के बीच काफी नजदीकियां थीं.
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बताते हैं कि उस जमाने में ज्योति बसु को एक विधायक के रूप में 250 रुपये तनख्वाह मिलते थे. इसका अधिकांश हिस्सा वे पार्टी को दान कर देते थे. सिद्धार्थ जब ज्योति बसु से मिलने जाते, तो कभी-कभार उनकी रसोई की तरफ भी बढ़ जाते थे.यह देखने कि खाने में क्या बना है.
बाद में ज्योति बसु विपक्ष के नेता बने, तो हालात थोड़े बेहतर हुए. उनका वेतन 750 रुपयेहो गया. तब भी ज्योति बसु की पत्नी कमला बसु, सिद्धार्थ से अक्सर शिकायत करतीं थीं कि अपने दोस्त को बताएं कि घर किस तरह से चलाया जाता है? वे (ज्योति बाबू) अभी भी लगभग पूरा वेतन पार्टी को दे देते हैं और उनके (कमला) लिए दोनों वक्त का खाना बनाना मुसीबत बन जाता है.