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कोलकाता : अस्पताल से बैरंग लौटने को मजबूर डेंगू पीड़ित, भर्ती लेने से इनकार

बाघा जतिन स्टेट जनरल हॉस्पिटल पर लगा भर्ती लेने से इनकार का आरोप बोरो 10 में डेंगू के सबसे अधिक मामले 99 नंबर वार्ड के डेंगू पीड़ितों की समस्या बढ़ी कोलकाता : महानगर में डेंगू पीड़ित मरीजों की संख्या आये दिन बढ़ रही है. सबसे खराब हालत बोरो 10 की है. बोरो 10 के 93 […]

बाघा जतिन स्टेट जनरल हॉस्पिटल पर लगा भर्ती लेने से इनकार का आरोप
बोरो 10 में डेंगू के सबसे अधिक मामले
99 नंबर वार्ड के डेंगू पीड़ितों की समस्या बढ़ी
कोलकाता : महानगर में डेंगू पीड़ित मरीजों की संख्या आये दिन बढ़ रही है. सबसे खराब हालत बोरो 10 की है. बोरो 10 के 93 नंबर वार्ड की दशा बेहद खराब है. गौरतलब है कि इस वार्ड के पार्षद कोलकाता नगर निगम के मेयर परिषद सदस्य रतन दे हैं. 99 नंबर वार्ड में भी डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. इस वार्ड में 100 से अधिक लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं.
वहीं, बोरो एक्जिक्यूटिव हेल्थ ऑफिर के अनुसार 12 अक्तूबर तक लगभग 198 लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं. वहीं, 10 नंबर बोरो के चेयरमैन के अनुसार वार्ड में डेंगू के 48 और वायरल फीवर के 137 मामले सामने आये हैं. यानी यह साफ है कि डेंगू से संबंधित मामलों को कोलकाता नगर निगम छिपाने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि हेल्थ एक्जिक्यूटिव और बोरो चैयरमैन के बयान में काफी अंतर है. एक ओर जहां निगम डेंगू से संबंधित मामले छिपा रहा है, तो वहीं 99 नंबर वार्ड स्थित बाघा जतिन स्टेट जनरल हॉस्पिटल में डेंगू पीड़ित मरीजों को भर्ती लेने से इनकार किया जा रहा है.
यहां इलाज के लिए पहुंचे मरीजों को एमआर बांगर अस्पताल रेफर कर दिया जा रहा है. स्थानीय लोगों के अनुसार अस्पताल में बेड रहते हुए भी भर्ती नहीं लिया जा रहा है. 99 नं‍बर वार्ड की रहनेवाली झरना पाल को बाघा जतिन अस्पताल से रेफर कर दिया गया था. वहीं, दुर्गा पूजा के दौरान इस अस्पताल में उक्त वार्ड के समीर हलदार को दाखिल कराया गया था. आरोप है कि अस्पताल में भर्ती कराये जाने के बाद अस्ताल के कर्मी मरीज को यह कह कर डराया करते थे कि डेंगू की चिकित्सका यहां संभव नहीं.
बाद में परिजनों ने उसे इएम बाइपास स्थित एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया. समीर रिक्शा चालक का लड़का है. ऐसे में उक्त अस्पताल में इलाज खर्च वहन नहीं कर पाने के कारण स्थानीय पार्षद देवाशीष मुखर्जी ने अस्पताल प्रबंधन को पत्र लिख कर खर्च को माफ करवाया. वहीं, स्थानीय पार्षद के कहने पर झरना को विजयगढ़ स्टेट जनरल हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया है.
बाघा जतिन स्टेट जनरल हॉस्पिटल, विजयगढ़ स्टेट जनरल हॉस्पिटल, एमआर बांगर हॉस्पिटल. गौरतलब है कि एमआर बांगर अस्पताल को जिला अस्पताल की श्रेणी में रखा गया है. ऐसे में बाघाजतिन में डेंगू पीड़ितों को भर्ती नहीं लिये जाने के कारण एमआर बांगर पर मरीजों के इलाज का दबाव बढ़ रहा है. इस अस्पताल के मेडिसीन विभाग में एक बेड पर तीन-तीन डेंगू पीड़ितों को रख कर इलाज किया जा रहा है.
निजी अस्पताल नहीं कर रहे मदद : 99 नंबर वार्ड के पार्षद देवाशीष मुखर्जी के अनुसार वाम मोर्चा के शासनकाल में इएम बाइ पास स्थित कई निजी अस्पतालों को बेहद कम कीमत पर जमीन बेची गयी थी. तब यह समझौता हुआ था कि ये कॉरपोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी के तहत जरूरमंद मरीजों को 25 फीसदी छूट अथवा नि:शुल्क इलाज करेंगे.
लेकिन अब किसी निजी अस्पताल द्वारा यह छूट जरूरतमंद मरीजों को नहीं मिल रही है. इस ओर भी निगम को ध्यान देना चाहिए. डेंगू को लेकर राजनीति न की जाये. यह मच्छर से फैलनेवाली बीमारी है. जो मौसम के हिसाब से बढ़ता-घटता है. डेंगू की रोकथाम के लिए निगम को आमलोगों को साथ लेकर जागरूकता बढ़ानी चाहिए.
बोरो 10 में डेंगू के 48 मामले व 137 लोग वायरल फीवर की चपेट में10 बोरो में कुल 12 वार्ड हैं. इन 12 वार्ड में डेंगू के मात्र 48 मामले और 137 लोग वायरल फीवर की चपेट में हैं. एक जनवरी से 10 अक्तूबर तक के ये आकड़े हैं. कुछ पैथोलॉजी सेंटर व निजी चिकित्सक लोगों को भयभीत करने व अपना धंधा चमकाने के लिए एनएस1 पॉजिटिव को भी डेंगू बता कर लोगों को लूट रहे हैं.तपन दास गुप्ता, पार्षद 95 नंबर वार्ड, चेयरमैन 10 नंबर बोरो.
Prabhat Khabar Digital Desk
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